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Ranchi news : जेसीइसीइबी: प्रोविजनल सीट एलॉटमेंट रिजल्ट जारी

पहले राउंड की ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए प्रोविजनल सीट एलॉटमेंट रिजल्ट जारी कर दिया गया है.

रांची . झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) की ओर से झारखंड के इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया की जा रही है. पहले राउंड की ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए प्रोविजनल सीट एलॉटमेंट रिजल्ट जारी कर दिया गया है. जिसके माध्यम से इंजीनियरिंग कॉलेजों के बीई, बीटेक कोर्स में नामांकन ले सकेंगे. इसमें झारखंड के विभिन्न कॉलेजों के अलग-अलग ब्रांच के लिए कुल 2753 छात्र-छात्राओं की सूची जारी की गयी है. इसमें शामिल अभ्यर्थी नामांकन की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. दूसरे राउंड के लिए स्टेट मेरिट लिस्ट सात जुलाई को जारी की जायेगी.

सभी कॉलेज वोकेशनल कोर्स को बेहतर करें, ताकि रोजगार से जुड़ सकें विद्यार्थी : कुलपति

रांची . रांची विवि के प्रभारी कुलपति प्रो डीके सिंह ने कहा है कि कॉलेज अपने यहां चल रहे वोकेशनल व प्रोफेशनल कोर्स की स्थिति और बेहतर करे. ताकि विद्यार्थी रोजगार से जुड़ सकें. वोकेशनल/प्रोफेशनल कोर्स के साथ रेगुलर कोर्स में विद्यार्थियों की अधिक से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करायें. कुलपति शुक्रवार को रांची विवि अंतर्गत अल्पसंख्यक कॉलेज व संबद्ध कॉलेज के प्राचार्यों के साथ बैठक कर रहे थे. कुलपति ने कहा कि वे जल्द ही सभी कॉलेजों का दौरा करेंगे. पहले शहरी क्षेत्र के कॉलेजों का दौरा करेंगे. कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को सामान्य शिक्षा के साथ स्किल शिक्षा से जोड़ने का प्रयास करें. नयी शिक्षा नीति के तहत कोर्स का संचालन सुनिश्चित हो. बैठक से पूर्व कुलपति ने सभी प्राचार्यों का परिचय प्राप्त किया. बैठक में संत जेवियर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ फादर प्रदीप कुजूर, निर्मला कॉलेज की प्राचार्य डॉ सिस्टर निर्मला, गोस्सनर कॉलेज की प्राचार्य डॉ एन मिंज, फादर रौशन बा आदि उपस्थित थे.

रांची विवि में इस सत्र से पीजी में लागू होगी नयी शिक्षा नीति : रांची विवि में पीजी में इस सत्र से नयी शिक्षा नीति लागू कर दी जायेगी. शुक्रवार को कुलपति के साथ नयी शिक्षा नीति के लिए बनायी गयी कमेटी की हुई बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया. यह भी निर्णय लिया गया कि स्नातक में भी नयी शिक्षा नीति के तहत संशोधित करिकुलम लागू कर दिया जायेगा. बैठक में कुलपति ने सदस्यों से जानना चाहा कि तीन वर्षीय स्नातक के बाद दो वर्ष के पीजी कोर्स तथा चार वर्षीय स्नातक के बाद एक वर्ष के पीजी कोर्स तथा दोनों में विद्यार्थियों द्वारा रिसर्च का विकल्प चुनने पर विवि कितना तैयार है. निर्णय लिया गया कि रेगुलर कोर्स में रिसर्च शुरू कराया जा सकता है, जबकि अन्य के लिए विवि को कई मामलों में अपग्रेड होना होगा. बैठक में बताया गया कि स्नातक के चौथे वर्ष का अंतिम छह माह रिसर्च के लिए होगा. इसमें 75 प्रतिशत से ऊपर अंक लाने वाले को ही रिसर्च का मौका दिया जायेगा. निर्णय लिया गया कि पीजी में एक वर्ष के कोर्स तीन तरह के मोड पर चलेंगे. सदस्यों ने बताया कि स्नातक के नयी शिक्षा नीति के संशोधित सिलेबस पर राज्यपाल की भी स्वीकृति मिल चुकी है. पीजी दो तरह के चलेंगे. इनमें दो वर्ष का तथा एक वर्ष का भी पीजी होगा. तीन वर्षीय स्नातक करनेवाले दो वर्ष का पीजी करेंगे, जबकि चार वर्षीय स्नातक करनेवाले एक वर्ष का पीजी करेंगे. पीजी का पहला तथा यूजी के चौथे साल वाले के लिए एक सिलेबस होगा. जबकि इनके लिए 50 सीट रिजर्व रहेंगे. बैठक में कुलपति के अलावा डीएसडब्ल्यू डॉ एसके साहू, डॉ मनोज कुमार, डॉ नीरज सहित दो टॉपर अनुष्का व ज्योति उपस्थित थे.

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