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Internet Addiction: इंटरनेट एडिक्ट हो रहे हैं बच्चे, बचाने के लिए करने होंगे ये उपाय

भारत सरकार ने मेंटल हेल्थ के लिए इस बार बजट में अलग से प्रावधान किया है. इससे इस बात की गंभीरता को समझा जा सकता है. झारखंड में लोगों को हर तरह के एडिक्शन से बचाने के लिए एक केंद्र है. यह केंद्र राजधानी के कांके में स्थित केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) में है.

Internet Addiction: डिजिटल युग में हमारी युवा पीढ़ी इंटरनेट एडिक्शन की गिरफ्त में आती जा रही है. छोटे-छोटे बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं. डॉक्टर और एक्सपर्ट्स भी इससे चिंतित हैं. अभिभावकों से अपील कर रहे हैं कि अपने बच्चों को इंटरनेट एडिक्ट बनने से बचायें. अगर वे इंटरनेट एडिक्ट हो गये हैं, तो उसका समय रहते इलाज करायें. अभी से उन्हें नहीं बचाया गया, तो आने वाले दिनों में उन्हें कई तरह के मानसिक रोग हो सकते हैं, जो उनके भविष्य को अंधकारमय बना सकता है.

मेंटल हेल्थ के लिए बजट में अलग से प्रावधान

भारत सरकार ने मेंटल हेल्थ के लिए इस बार बजट में अलग से प्रावधान किया है. इससे इस बात की गंभीरता को समझा जा सकता है. झारखंड में लोगों को हर तरह के एडिक्शन से बचाने के लिए एक केंद्र है. यह केंद्र राजधानी के कांके में स्थित केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) में है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्से से लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है, जो एडिक्शन के शिकार हैं.

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अभिभावकों को रहना होगा सचेत

सीआईपी कांके के निदेशक प्रो डॉ बासुदेव दास बताते हैं कि अभिभावकों को इसके लिए सचेत होना होगा. बच्चों को मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप और कम्प्यूटर देने की मजबूरी तो है, लेकिन उसके इस्तेमाल को नियंत्रित करना भी जरूरी है. कभी भी बच्चों को इंटरनेट के साथ अकेले न छोड़ें. गैजेट के साथ उन्हें बहुत देर तक अकेला न रहने दें. अगर वे इसका नियंत्रित इस्तेमाल करेंगे, तो सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं.

सबसे बड़े एडिक्शन के रूप में सामने आया है इंटरनेट

डॉ दास कहते हैं कि इंटरनेट सबसे बड़े एडिक्शन के रूप में सामने आया है. इससे बच्चों को दूर भी नहीं रख सकते और इसके साथ उन्हें छोड़ भी नहीं सकते. इसलिए अभिभावकों की भूमिका बहुत बढ़ जाती है. उनको समयबद्ध तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल करने दें. किसी भी गैजेट के सीमित इस्तेमाल की ही उन्हें अनुमति दें, ताकि वे उसके एडिक्ट न हो जायें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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