रांची.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों से राज्यपाल द्वारा कुलपति, प्रतिकुलपति एवं अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करने के अधिकार को समाप्त करने का निर्णय पूरी तरह से असंवैधानिक है. यह स्पष्ट रूप से शिक्षा व्यवस्था का राजनीतिकरण करने और उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी कठपुतली बनाने का षड्यंत्र है. प्रतुल ने कहा कि हाल के वर्षों में विपक्ष शासित प्रदेशों में यह परिपाटी चल पड़ी है कि राज्यपाल को उच्च शिक्षा और विवि के क्षेत्र में दिये गये अधिकारों में कटौती की जाये. इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से हुई.झारखंड में शिक्षा सुधार को बदनाम कर रही भाजपा : झामुमो
रांची.
भाजपा झारखंड में शिक्षा सुधार को बदनाम कर रही है. यह सबकुछ राज्यपाल की आड़ लेकर ओछी राजनीति के तहत की जा रही है. उक्त बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कही. उन्होंने कहा कि भाजपा का आरोप न केवल भ्रामक है, बल्कि राज्य के युवाओं की आकांक्षाओं का अपमान भी है. श्री पांडेय ने साफ कहा कि हेमंत सरकार द्वारा लाया गया नया विधेयक पूरी तरह संवैधानिक है और इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और जनोन्मुखी बनाना है. श्री पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार का यह विधेयक झारखंड को उच्च शिक्षा का एक सशक्त केंद्र बनायेगा और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है