रांची.
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि महान विभूतियों के नाम पर हेमंत सरकार घटिया स्तर की राजनीति पर उतर आयी है. झारखंड अलग राज्य बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चल रहे अटल क्लिनिक का नाम बदलना बिलकुल अनुचित और सरकार का मानसिक दिवालियापन है. उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा का मैं सम्मान करता हूं, लेकिन उनके नाम पर कुछ संस्थाओं ने जिस तरह का काम किया है, यह पूरा देश जानता है. निर्मल हृदय नामक संस्था द्वारा बच्चे बेचने तक के मामले सामने आ चुके हैं. लोगों के मन में यह सवाल है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहे हैं, क्या यह कदम भी उसी कड़ी का हिस्सा तो नहीं है. श्री दास ने कहा कि सरकार के इस निर्णय को न तो झारखंड के आदिवासी मानेंगे और न कोई और स्वीकार करेगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी योजना का नाम बदलने के बजाय बेहतर होता कि सरकार राज्य में बदहाल स्वास्थ्य व शिक्षा की बेहतरी के लिए मदर टेरेसा के नाम से नयी योजना लाती. श्री दास ने कहा कि राज्य सरकार इस फैसले को वापस ले.अटल जी के योगदान को अनदेखा कर रही सरकार : बाबूलाल
रांची.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर किये जाने का विरोध किया है. श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी जी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है. झारखंडवासियों को उनका अधिकार दिलाने में और आदिवासी अस्मिता को अलग पहचान देने में वाजपेयी जी के अटल इरादों की निर्णायक भूमिका रही है. लेकिन, हेमंत सरकार ने राजनीति के निम्न स्तर को छूते हुए उनके योगदान को अनदेखा कर दिया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार यह स्पष्ट कर सकती है कि कैबिनेट के इस निर्णय से स्वास्थ्य व्यवस्था में वास्तविक सुधार होगा, एंबुलेंस समय पर पहुंचने लगेगी और क्लिनिक में बेहतर इलाज उपलब्ध होगा. सरकार को वास्तव में मदर टेरेसा का सम्मान करना था, तो उनके नाम पर कोई नयी योजना लाती. ऐसी योजना, जिससे मरीजों को सहारा मिलता. लेकिन, ऐसा न कर सरकार ने यहां भी केवल राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है