रांची. झारखंड की सड़कों पर मौत का सिलसिला थम नहीं रहा. बीते तीन वर्षों (वर्ष 2021 से 2023 तक) में राज्य में सड़क हादसों ने 14,360 लोगों की जान ले ली, यानी हर दिन औसतन 13 मौतें. अकेले 2023 में यह संख्या 5,315 तक पहुंच गयी, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है. इन हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार गाड़ी चलाना पाया गया है. 2023 में सड़क दुर्घटनाओं से हुई कुल मौतों में 4,066 मौतें तेज रफ्तार के कारण हुई, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 4,454 और 2021 में 3,702 था. यानी कुल मृतकों में लगभग 75 प्रतिशत तेज रफ्तार के शिकार हुए.
नशे में गाड़ी चलाने और गलत साइड चलने से भी बढ़ी मौतें
राज्य में नशे में गाड़ी चलाने से होने वाली मौतों में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है. 2021 में जहां ड्रंकन ड्राइविंग से 35 मौतें हुई थीं, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 257 तक पहुंच गयी. इसके अलावा गलत साइड में गाड़ी चलाने के कारण 2021 में 88 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023 में यह बढ़कर 359 हो गयी.
मोबाइल और रेड लाइट जंप भी जानलेवा
2021 में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कोई भी मौत दर्ज नहीं की गयी थी, लेकिन 2023 में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की वजह से हुई सड़क दुर्घटना ऐसे 91 मामले सामने आये. वहीं, रेड लाइट जंप करने से 2021 में केवल एक मौत हुई थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 38 तक पहुंच गया. 2023 में दुर्घटनाओं के पीछे 504 मौतें ऐसे कारणों से हुईं, जिन्हें अन्य कारण की श्रेणी में रखा गया है. 2021 में ऐसे कारणों से केवल 45 मौतें हुई थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है