RIMS: रांची स्थित रिम्स में आने वाले मरीजों के लिए सावन की पहली सोमवारी शुभ रही. मरीजों को ध्यान में रखते हुए रिम्स प्रबंधन ने सोमवार से अस्पताल में ‘सेंट्रल लैब’ और ‘डेंटल ओटी’ की सेवाएं शुरू कर दी. 14 जुलाई 2025 को दोपहर 3:30 बजे रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार की मौजूदगी में इन सेवाओं की शुरुआत हुई.
सीएम और स्वास्थ्य मंत्री करेंगे उद्घाटन- निदेशक
जानकारी के अनुसार, पहले ही दिन सेंट्रल लैब में 200 से अधिक मरीजों की जांच की गयी. वहीं, डेंटल ओटी को मंगलवार से सर्जरी के लिए तैयार कर लिया गया है. रिम्स निदेशक ने यह स्पष्ट किया है कि यह उद्घाटन नहीं है. इन सेवाओं का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से कराया जायेगा. अगर अभी समय नहीं मिला, तो क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के उद्घाटन के साथ ही सभी सेवाओं का एक साथ उद्घाटन कराया जायेगा.
12 हजार स्क्वायर फीट में बना डेंटल ओटी विंग
इधर, अस्पताल में नयी सेवाओं के शुभारंभ के बाद निदेशक ने कहा कि करीब 12,000 स्क्वायर फीट में डेंटल ओटी विंग को तैयार किया गया है. ऑपरेशन थियेटर में दो टेबल लगे हैं, जिससे एक साथ दो मरीजों की सर्जरी हो सकती है. इसके अलावा एक एनिस्थिसिया मशीन लगायी गयी है. ऑपरेशन के बाद मरीजों की रिकवरी के लिए पांच बेड स्थापित किया गया है.
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संक्रमित मरीजों के लिए अलग बेड
वहीं, डेंटल ओटी विंग में 12 बेड का पुरुष और 12 बेड का महिला वार्ड भी बनाया गया है. एक बेड संक्रमित मरीजों के लिए अलग रखा गया है. इसके अलावा माइजर ओटी भी है. यानी एक मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के विभाग की अब शुरुआत हो गयी है. भविष्य में ओरल कैंसर और थायराइड की सर्जरी की होगी. उन्होंने बताया कि अब मैक्सिलोफेशियल सर्जन की ड्यूटी नियमित लगेगी. डेंटल इमरजेंसी सेवाएं भी शीघ्र शुरू की जायेगी.
सेंट्रल लैब में 24 घंटे उपलब्ध होगी सुविधा
इसके अलावा रिम्स में सेंट्रल लैब की भी शुरुआत हो गयी. सेंट्रल लैब में सोमवार से ही यूरीन और ब्लड की जांच होने लगी. मरीजों को अब सैंपल देने के लिए विभिन्न विभाग में नहीं जाना पड़ रहा है. निदेशक ने बताया कि यहां हिमेटोएनलाइजर और बायोकेमेस्ट्री एनलाइजर मशीन लगायी गयी है. साथ ही जांच केमिकल की व्यवस्था भी कर ली गयी है.
सभी प्रकार की जांच होगी
निदेशक ने कहा कि इससे यहां लिवर व किडनी फंक्शन, थायराइड फंक्शन, लीपिड प्रोफाइल सहित सभी प्रकार की जांच होगी. वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए जांच काउंटर बनाये गये हैं. सुबह 11 बजे तक सभी वार्ड से मरीजों के खून कलेक्ट कर जांच के लिए सेंट्रल लैब में आ जायेंगे. इसके बाद दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे की बीच में उन्हें रिपोर्ट उपलब्ध कराया जायेगा. लेबोरेट्री इंफार्मेशन सिस्टम के शुरू होने के बाद डॉक्टरों को उनके ह्वाट्सऐप पर रिपोर्ट मिल जायेंगे.
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मरीजों के लिए बनाये गये 6 काउंटर
वहीं, ओपीडी में परामर्श लेने के बाद जांच कराने वाले मरीजों के लिए छह काउंटर स्थापित किये गये है. वहां रसीद कटेगी और रिपोर्ट भी उसी जगह से उपलब्ध करा दिया जायेगा, जहां सैंपल लिया जायेगा. वहां एक बेड भी लगाया गया है. डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर 24 घंटे के हिसाब से तैयार की जायेगी.
दलालों से बचने के लिए डॉक्टर लगायेंगे मुहर
ओपीडी में परामर्श देने के बाद पर्ची पर यह जानकारी दी जायेगी कि सेंट्रल लैब में सभी जांच उपलब्ध है. यहीं पर जांच करायें. इसके लिए एक मुहर तैयार किया जायेगा, जिसमें पूरी जानकारी होगी. इससे मरीज को सहूलियत होगी. सेंट्रल लैब ओपीडी ब्लॉक में ही है, इसलिए मरीजों को परेशानी नहीं होगी. इससे मरीजों की किफायती जांच हो जायेगी और वह दलालों के चक्कर में जाने से बच जायेंगे. इस पर्ची पर डॉक्टर मुहर लगायेंगे.
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