रांची.
तीन महीने में सरकार के विभाग योजना मद में संतोषजनक खर्च नहीं कर पाये. सरकार के 33 विभागों ने कुल बजट के महज 13.72 प्रतिशत खर्च किये. इन विभागों के लिए 91741 करोड़ रुपये योजना मद में आवंटित है. इसके विरुद्ध विभागों ने 12585.30 करोड़ रुपये खर्च किये. वहीं, आधा दर्जन से अधिक विभागों का खर्च शून्य है. विभागों द्वारा कम राशि खर्च किये जाने को लेकर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कम खर्च करने वाले विभागों के साथ समीक्षा करने को कहा है. कृषि व पशुपालन, उत्पाद व मद्य निषेध, नागर विमानन, वन व पर्यावरण, वित्त, कार्मिक, आवास, आपदा प्रबंधन, विधि और पंचायती राज विभाग ने एक रुपया खर्च नहीं किया है.विभिन्न विभागों के खर्च का लेखा-जोखा सरकार तक पहुंचा
23 जून तक विभिन्न विभागों के खर्च का लेखा-जोखा सरकार तक पहुंचा है. वहीं, पिछले तीन महीने में सबसे अधिक ग्रामीण कार्य विभाग ने कुल आवंटित बजट का 36 प्रतिशत खर्च किया है. ग्रामीण कार्य विभाग को कुल 4500 करोड़ रुपये आवंटित हैं. विभाग ने योजना मद में 1642.32 करोड़ खर्च किया है. वहीं, श्रम व नियोजन विभाग ने लगभग 34 प्रतिशत राशि खर्च की है. इधर, खाद्य और आपूर्ति विभाग को 2800 करोड़ मिले, लेकिन विभाग ने महज 1.18 प्रतिशत राशि खर्च की. पेयजल व स्वच्छता विभाग का खर्च 0.15 प्रतिशत है. विभाग को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4500 करोड़ रुपये मिले हैं, वहीं, अबतक 6.96 करोड़ रपये खर्च हुए हैं. इसी तरह परिवहन विभाग ने महज 0.08 प्रतिशत राशि खर्च की है. ऐसे कई विभाग हैं, जिनका खर्च एक प्रतिशत के आसपास है. ऊर्जा विभाग तीन महीने में संतोषजनक खर्च कर पाया है. उर्जा विभाग को विद्युत सेवा में विस्तार के लिए 9800 करोड़ रुपये मिले हैं. विभाग ने 27 प्रतिशत (2675 करोड़) राशि खर्च की है.
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