Diarrhea Outbreak: तमाड़ (रांची), शुभम हल्दार-रांची जिले के तमाड़ प्रखंड के डोम्बोडीह गांव में डायरिया का प्रकोप है. इस बीमारी से अब तक कमला देवी (69 वर्ष) और भदरी देवी (60 वर्ष) की मौत हो चुकी है. लगातार बढ़ते मामलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव में कैंप लगाकर इलाज कर रही है. रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने तमाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए.
163 मरीजों का चल रहा इलाज
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, डोम्बोडीह में डायरिया के 105 मरीज चिन्हित किए गए हैं. गांगो गांव में 55 मरीज, चिरगालडीह में 02 व पुंडीदीरी में 01 मरीज की पुष्टि हुई है. 163 मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है इलाज
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सावित्री कुजूर ने बताया कि स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है. प्रभावित गांवों में ओआरएस, जिंक टैबलेट, स्वच्छ पेयजल वितरण और स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. एएनएम और स्वास्थ्य मित्रों की टीम भी दिन-रात कार्यरत है.
डॉ. प्रभात कुमार ने तमाड़ सीएचसी पहुंच की स्थिति की समीक्षा
रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने तमाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने डायरिया से हुई मौत की जानकारी ली और पीड़ितों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं हो, इसका सख्त निर्देश दिया. उन्होंने मेडिकल टीम को मरीजों की समुचित चिकित्सा सुनिश्चित करने को कहा.
स्वच्छता और जागरूकता का अभाव बन रहा है कारण
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गर्मी, गंदगी और दूषित पेयजल डायरिया फैलने के मुख्य कारण हैं. गांवों में नालियों की सफाई नहीं होने और जलजमाव जैसी समस्याएं बनी हुई हैं. लोगों ने बताया कि साफ-सफाई की अनदेखी से संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
प्रशासनिक पहल की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से साफ-सफाई, पेयजल की बेहतर व्यवस्था और नियमित मेडिकल जांच की मांग की है ताकि बीमारी और न फैलें. डायरिया से हुई मौत और सैकड़ों मरीजों की स्थिति ने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है.
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