रांची.
दिशोम गुरु शिबू सोरेन को उनके चाहनेवालों ने उन्हें अंतिम जोहार कर नम आंखों से विदाई दी. उनके पार्थिव शरीर पर नेताओं व अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. राज्य सरकार ने विधानसभा परिसर में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी. भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर जनजातीय मामले के केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव विशेष तौर पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे. मंगलवार की सुबह 10:45 बजे जैसे ही उनका पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा पहुंचा, शिबू सोरेन अमर रहे के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वाहन में अपने पिता के पार्थिव शरीर के साथ बैठे हुए थे. दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. साथ ही सुरक्षा बलों ने शोक और सम्मान की भावना व्यक्त करते हुए वाद्य यंत्र बजा कर दिवंगत शरीर को अंतिम सलामी दी. बीच-बीच में शिबू सोरेन अमर रहे के नारे लग रहे थे.वाहन में ही उनका शव रखा था
झारखंड विधानसभा के साउथ पोर्टिको के ठीक सामने अंतिम विदाई के लिए विशेष आयोजन स्थल तैयार किया गया था. यहां वाहन में ही उनका शव रखा गया था. इसके बाद एक-एक कर विशिष्ट अतिथियों ने पुष्प अर्पित करते हुए अंतिम दर्शन किये. दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी ने उनके दूरदर्शी नेतृत्व, ईमानदारी और सार्वजनिक जीवन में करुणा तथा लोक कल्याण में उनके योगदान को याद किया. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर रामगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा ले जाया गया. बाद में भी वहां मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों और लोगों ने शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
बिरसा मुंडा के स्टैच्यू के पीछे रखा था दिशोम गुरु का पार्थिव शरीर
विधानसभा परिसर के अंदर बिरसा मुंडा के स्टैच्यू के ठीक पीछे रजनीगंधा के सफेद फूलों से ढंके प्लेटफॉर्म पर उनकी तस्वीर लगी थी. इसके उल्टे तरफ श्रद्धांजलि देने वाले विधायकों, सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं, मुख्य अतिथियों और वरीय अधिकारियों के बैठने के लिए अस्थायी शेड बनाया गया था.
केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव भारत सरकार का प्रतिनिधि बन कर पहुंचे
भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर जनजातीय मामले के केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव अंतिम यात्रा में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार का प्रतिनिधि के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हो रहा हूं. शिबू सोरेन का निधन झारखंड ही नहीं, देश के लिए एक बड़ी क्षति है. भारत सरकार उनके संकल्पों को पूरा करेगी. उनके निधन से पूरे झारखंड ही नहीं, देश भर में लोगों को गहरा दुख हुआ है. सरकार उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए सार्वजनिक जीवन में उनकी विरासत और विशिष्ट सेवा को अत्यंत सम्मान के साथ आगे बढ़ायेगी.
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
दिशोम गुरु शिबू सोरेन को केंद्रीय मंत्रियों सहित कई दलों के नेता, राज्य सरकार के मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न संस्थानों और समुदायों के प्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी. झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्य सरकार में मंत्री दीपक बिरुआ, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, मंत्री चमरा लिंडा, संजय प्रसाद, डॉ इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय, योगेंद्र प्रसाद, सुदिव्य कुमार सोनू, हफीजुल हसन, शिल्पी नेहा तिर्की, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर, सांसद नलिन सोरेन, जोबा मांझी, सांसद महुआ मांजी, प्रदीप यादव, सरयू राय, रामेश्वर उरांव, नवीन जायसवाल, राजेश कच्छप, राजेश ठाकुर, हेमलाल मुर्मू, राजेश कच्छप, श्वेता सिंह, लुइस मरांडी, जोबा मांझी, ममता देवी, नीरा यादव, बादल पत्रलेख, अंबा प्रसाद, मनीष जायसवाल, केएन त्रिपाठी, सत्यानंद भोक्ता, मथुरा प्रसाद महतो, रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव अलका तिवारी, डीके तिवारी, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अविनाश कुमार आदि ने पार्थिव शरीर पर बारी-बारी से श्रद्धांजलि अर्पित की. सबसे आखिर में सदन के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने श्रद्धांजलि दी और उन्हें सम्मानपूर्वक विधानसभा परिसर से अंतिम विदाई देकर शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव नेमरा के लिए विदा किया.
विधानसभा परिसर में 35 मिनट रहा पार्थिव शरीर
गुरुजी का पार्थिव शरीर विधानसभा परिसर में 10:45 बजे लाया गया. यहां अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर करीब 35 मिनट तक रखा गया. शव वाहन में ही नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. अंतिम विदाई में हर आंखें नम थीं और वहां मौजूद हर चेहरा गमगीन नजर आ रहा था. जब तक सूरज-चांद रहेगा, गुरुजी तेरा नाम रहेगा…, दिशोम गुरु अमर रहे… आदि नारे लगाये जा रहे थे. नेताओं व कार्यकर्ताओं में शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए होड़ लगी रही. वहीं, माइक से घोषणा की गयी कि जो लोग बच गये हैं, वह पोर्टिको में रखे उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करें. पार्थिव शरीर के साथ काफिला सुबह 11.20 बजे विधानसभा से निकला.
कटआउट्स में दिशोम गुरु को अंतिम जोहार
विधानसभा की ओर जाने-वाले हर रास्ते पर दिशोम गुरु शिबू सोरेन के बड़े-बड़े कटआउट्स लगे थे, जिसमें बड़े अक्षरों में अंतिम जोहार लिखा था. वहीं, वीवीआइपी के अंतिम दर्शन के लिए एक टेबल पर गेंदा फूल, सफेद रजनीगंधा और हरी पत्तियों के साथ लाल गुलाबों से गूंथे फ्लावर रिंग करीने से रखे थे. कार्यक्रम में शामिल लोगों पर सीसीटीवी के जरिये नजर रखी जा रही थी. परिसर के बाहर सैकड़ों गाड़ियों की लंबी कतारें लगी थीं. वहीं, अंदर और बाहर काफी संख्या में सुरक्षा बल की मौजूदगी थी.
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