रांची. साहिबगंज अवैध खनन मामले में इडी ने पांचवें आरोप पत्र के साथ पुलिस पदाधिकारी सैफुद्दीन खान का बयान रांची स्थित पीएमएलए के विशेष कोर्ट में जमा किया है. बरहरवा टोल विवाद मामले में केस दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी सैफुद्दीन खान ने क्लीन चिट दे दिया था. इडी ने बरहरवा टोल विवाद से जुड़ी प्राथमिकी को इसीआइआर में शामिल कर जांच शुरू किया था. इसमें यह बात सामने आयी थी कि आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को निर्दोष करार देने के बाद कांड के दूसरे अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया था. इडी ने अनुसंधानकर्ता सैफुद्दीन खान से जांच के दौरान वैज्ञानिक सबूतों को नहीं जुटाने को लेकर सवाल पूछा गया था. इस पर सैफुद्दीन खान ने अपने बयान में कहा था कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा नहीं करने का निर्देश बरहरवा के तत्कालीन एसडीपीओ ने दिया था. इडी ने इस बयान को जांच को प्रभावित किये जाने के रूप में अपनी रिपोर्ट में पेश किया है.
निमाई ने कबूला कि वह बालू का अवैध खनन करता था
इडी ने पांचवीं रिपोर्ट में बालू के अवैध कारोबार को लेकर निमाई चंदशील से पूछताछ किया था. निमाई ने पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि वह गुमानी नदी से बालू का अवैध खनन करता था. जबकि उसे यह जानकारी थी कि वैध दस्तावेज के बिना नदी से बालू निकालना सही नहीं है. उसने अवैध बालू के कारोबार किये जाने के पीछे यह तर्क दिया था कि वह इससे कमाये पैसे को पत्थर के कारोबार में लगाना चाह रहा था. इसके लिए उसने मैसर्स आरएन स्टोन के साथ पार्टनरशिप किया था. पार्टनर्स को मुनाफे में 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है