खलारी. खलारी की बुकबुका पंचायत अंतर्गत महावीरनगर ऊपर टोला स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कक्षा यूकेजी से कक्षा आठ तक पढ़ाई मात्र तीन पारा शिक्षकों के भरोसे है. विद्यालय में कुल 262 बच्चे हैं. शिक्षक कम होने के कारण एक ही वर्ग में कई कक्षा के बच्चों को एक साथ बैठा कर पढ़ाया जाता है. यूकेजी से कक्षा चार यानी पांच कक्षा के बच्चों को एक शिक्षक एक साथ पढ़ाते हैं. इससे ऊंची कक्षा पांच व छह तथा सात व आठ को एक साथ पढ़ाया जाता है. इनमें दो कक्षा के बच्चों को एक शिक्षक पढ़ाते हैं. इसमें शिक्षकों को तो परेशानी होती ही है, बच्चे भी एक पीरियड में अपना विषय ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं. इन परेशानियों के बावजूद स्कूल के प्रधानाचार्य रंथू साहू के नेतृत्व व निर्देशन में ऐसी परिस्थिति वाले दूसरे विद्यालयों की तुलना में बच्चों की बेहतर पढ़ाई हो रही है. रंथू साहू के व्यक्तिगत प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रीय, राजकीय व जिला स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है. पिछले दिनों इसी स्कूल के पैरा एथलीट दिव्यांग चंदन लोहार ने कंबोडिया में आयोजित इंटरनेशनल थ्रो बॉल मैच सीरीज में गोल्ड मेडल जीता था. एक छात्र ने चित्रकला में राज्य स्तर पर मेडल जीता है.
एक तरह के काम के लिए अलग-अलग वेतनमान
यूएमएस महावीरनगर के प्रधानाचार्य रंथू साहू कहते हैं कि वे एक पारा शिक्षक हैं. अन्य स्थायी शिक्षकों की तरह ही पारा शिक्षक भी अपना पूरा योगदान देते हैं. परंतु विडंबना है कि एक तरह के काम के लिए सरकार अलग-अलग तरह वेतन देती है. बच्चों को पढ़ाने के साथ ऑनलाइन डेटा इंट्री करनी पड़ती है. अभी शिशुगणना की जवाबदेही भी मिली है. सरकार को एक मानदंड तय कर पारा शिक्षकों को भी स्थायी करना चाहिए. वहीं नये स्थायी शिक्षकों की बहाली करनी चाहिए. इससे सरकारी विद्यालय निजी स्कूलों की तुलना में बेहतर रिजल्ट दे सकेंगे.कम संसाधन के बावजूद हो रही बेहतर पढ़ाई
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