रांची. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के तहत राज्य के सभी निजी स्कूलाें में 25 प्रतिशत सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का नामांकन लेने का प्रावधान है. इसके लिए रांची जिला प्रशासन ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश भी दिया है. लेकिन, प्रशासन के आदेश को ताक पर रखकर अब तक 45 निजी स्कूलों ने ऐसे बच्चों का नामांकन नहीं लिया है. इसे देखते हुए डीएसइ बादल राज ने सभी 45 स्कूलों के प्राचार्य को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि तीन बार नोटिस देने के बाद भी आपके द्वारा आरटीइ के तहत चयनित छात्रों का नामांकन नहीं लिया गया है. यह गंभीर विषय है. सभी को 15 जुलाई को समाहरणालय में बुलायी गयी बैठक में शामिल होने को कहा गया है.
अंतिम चेतावनी को भी स्कूलों ने किया दरकिनार
स्कूलों की मनमानी को देखते हुए डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने एक जुलाई को ऐसे सभी स्कूलों को अंतिम स्मार पत्र भेजा था. इसमें डीसी ने चेतावनी दी थी कि सात जुलाई तक हर हाल में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के नामांकन का कार्य पूरा कर लें. ऐसा नहीं करनेवाले विद्यालयों का यू-डायस कोड वापस ले लिया जायेगा. साथ ही सीबीएसइ बोर्ड से मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की जायेगी. शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत जुर्माना वसूला जायेगा.दावा करने वाले स्कूलों ने भी नहीं लिया नामांकन
जिला प्रशासन की इस सूची में ऐसे स्कूलों का नाम भी शामिल है, जो यह दावा करते थे कि उन्होंने अपने स्कूलों में आरटीइ के तहत सभी सीटों पर नामांकन का कार्य पूरा कर लिया है. ऐसे स्कूलों को भी पूरी सूची के साथ बैठक में आने का निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है