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Flood n Jharkhand: झारखंड पर मानसून मेहरबान है. लगातार बारिश हो रही है. सामान्य से 52 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है. कई जिलों में सामान्य से 100 फीसदी से अधिक बारिश हो चुकी है. जिस मानसून की बारिश का सबको इंतजार रहता है, वही मानसून अब मुसीबत बन गया है. लगाातर बारिश से कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं. जमशेदपुर के बागबेड़ा और जुगसलाई के निचले इलाके में 500 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. राज्य के कई जिलों में बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है. वर्षाजनित हादसों में एक दिन में 6 लोगों की मौत हो गयी.
Flood in Jharkhand: खरसावां में 4 युवक नाले में डूबे
कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के साथ-साथ साहिबगंज जिले में बाढ़ के हालात हैं. सबसे ज्यादा 4 लोगों की मौत खरसावां जिले में हुई है. यहां एक नाले में नहाने गये 4 युवकों की मौत हो गयी. इसके बाद गांव में चीख-पुकार मच गयी.
कोवाली में कच्चा मकान ढहा, 5 साल की बच्ची की मौत
पूर्वी सिंहभूम के जिले मुख्यालय जमशेदपुर से सटे कोवाली में बारिश की वजह से एक कच्चा मकान ढह गया, जिसमें एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गयी और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गयी. घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बागबेड़ा व जुगसलाई के 500 घरों में घुसा बाढ़ का पानी
जमशेदपुर के बागबेड़ा और जुगसलाई के निचले क्षेत्रों में 500 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इलाके की स्थिति गंभीर हो गयी है. पानी भर जाने से लोगों की जिंदगी मुश्किल हो गयी है. शनिवार की सुबह बारिश थमने के बावजूद, नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से राहत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. बीडीओ, सीओ, जिला परिषद समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि लगातार बाढ़ की स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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गुमला के पालकोट में कई घर ध्वस्त, एक की मौत
गुमला जिले में भी लगातार हो रही बारिश की वजह से कई लोगों के घर ध्वस्त हो गये. पालकोट में घर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. कई लोगों के घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया. लोगों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
कोल्हान की 2 बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
कोल्हान की 2 बड़ी नदियां स्वर्णरेखा और खरकई दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. खरसावां की 5 नदियां उफान पर हैं. संजय नदी पर बना पुल खरसावां में डूब चुका है. एक अन्य पुल पर 4 फुट पानी बह रहा है, जिससे आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.
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साहिबगंज में गंगा नदी उफान पर, उधवा में बाढ़ का खतरा
साहिबगंज जिले में गंगा नदी के उफान की वजह से उधवा पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ से उधवा प्रखंड के राधानगर, बेगमगंज, श्रीधर दियारा, पूर्वी प्राणपुर, दक्षिण पलासगाछी, उत्तर पलासगाछी, अमानत दियारा, पूर्वी उधवा दियारा अधिक प्रभावित होता है. मध्य, उत्तर और दक्षिण पियारपुर, पश्चिमी उधवा दियारा, जोंका समेत अन्य पंचायतों में आंशिक रूप से लोग प्रभावित होते हैं.
हर साल दर्जनों एकड़ भूमि समा जाती हैं गंगा में
बाढ़ के दौरान कटाव से प्रतिवर्ष दर्जनों एकड़ कृषि योग्य जमीन और घर गंगा नदी में समा जाते हैं. शनिवार तक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बावजूद गांवों और मोहल्लों तक पानी नहीं पहुंचा है, लेकिन पश्चिम प्राणपुर पंचायत के जलबालु क्षेत्र में गंगा का पानी उफनाने की स्थिति में है. दो-तीन दिनों में गंगा का पानी इस इलाके में घुस सकता है.
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बाढ़ से निबटने के लिए प्रशासन तैयार : बीडीओ
प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी जयंत कुमार तिवारी ने कहा है कि नदी के किनारे स्थित पश्चिम प्राणपुर और पूर्वी प्राणपुर पंचायतों में अभी अधिक खतरा बना हुआ है. वरीय अधिकारियों के निर्देशानुसार अंचल प्रशासन बाढ़ से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है. बाढ़ राहत और बचाव कार्यों के लिए अंचल अधिकारी की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक हुई, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. बाढ़ की स्थिति में लोगों तक राहत सामग्री कैसे पहुंचे, इस पर विमर्श हुआ.
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