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चारा घोटाला मामला : डोरंडा केस में 35 आरोपी बरी, 52 को तीन साल की सजा

डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 35 लोगों को बरी कर दिया. 36 करोड़ 59 लाख की अवैध निकासी से जुड़ा यह मामला 29 साल पुराना है. आरोपियों में अधिकारी, पशु चिकित्सक व सप्लायर शामिल हैं. इसमें पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी के अलावा कोई राजनेता नहीं है.

Ranchi News: डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में आज फैसला सुनाया गया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया. वहीं, 52 दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई. जबकि, बाकी बचे आरोपियों के 3 साल से अधिक की सजा सुनाई गई है. 29 साल पुराना यह मामला 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. झारखंड सीबीआई का यह अंतिम मामला है, जिसमें सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने पैरवी की.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि 29 साल पुराने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आज अपना फैसला सुना दिया है. मामले में 52 लोगों को दोषी करार करते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है. 37 लोगों को 3 साल से अधिक की सजा सुनाई गई है, इन लोगों की सजा पर 1 सितंबर को कोर्ट विस्तृत में फैसला सुनाएगा. वहीं मामले में 35 लोगों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इससे पहले 21 सितंबर को बहस पूरी होने के बाद अदालत ने फैसले के लिए 28 अगस्त का दिन निर्धारित किया था. अधिवक्ता ने बताया कि डोरंडा कोषागार से 36.86 करोड़ की अवैध निकासी की गई थी. चारा घोटाला से जुड़े आरसी 48A/96 मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता और पूर्व विधायक गुलशन लाल अजमानी समेत 124 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. साल 1990 से 1995 के बीच चारा घोटाला किया गया था, जिसमें से 62 आरोपियों का निधन हो चुका है.

घोटाले में कुल 124 आरोपी

डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में 124 आरोपी थे. इनमें पशुपालन के तत्कालीन बजट व लेखा पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी, पशु चिकित्सक और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. मामले में पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी के अलावा कोई राजनेता नहीं है. वह भी मामले के समय आपूर्तिकर्ता थे.

24 जुलाई को हुई थी सुनवाई

गौरतलब है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 24 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी. फैसले की तिथि पर उक्त सभी आरोपियों को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. इस मामले में सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया गया है. डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दौरान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गयी थी.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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