Rath Yatra 2025: महाप्रभु जगन्नाथ की घुरती रथयात्रा छह जुलाई को है. आज भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसीबाड़ी से वापस मुख्य मंदिर में लौट आएंगे. भगवान जगन्नाथ 27 जून को नौ दिन के प्रवास के लिए रथ पर सवार होकर श्रीमंदिर से बाहर निकले थे. जगन्नाथ स्वामी की मौसीबाड़ी से मुख्य मंदिर लौटने की यात्रा को ही घुरती रथयात्रा कहते हैं. इस दिन प्रभु के रथ की रस्सी को खींचने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
प्रशासन की तैयारी पूरी

रांची में घुरती रथयात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है. भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए शहर में अतिरिक्त बल की तैनाती की गयी है. इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन की मदद से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. घुरती रथयात्रा के साथ ही मेला का भी समापन हो जायेगा. आज सुबह 5 बजे ही मौसीबाड़ी में पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है. दोपहर करीब 2:50 बजे मौसीबाड़ी में भगवान के दर्शन बंद कर दिए जायेंगे. इसके बाद विग्रहों को रथ की ओर प्रस्थान कराया जायेगा. शाम 4 बजे रथयात्रा का मुख्य मंदिर के लिए प्रस्थान होगा.
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महाआरती के बाद बंद होगा पट

इधर, शाम 6:00 बजे तक सभी विग्रहों का रथ से मुख्य मंदिर में प्रवेश हो जायेगा. इससे पहले एक घंटे शाम 5:00-6:00 बजे तक महिलाओं के लिए रथ पर महाप्रभु के विशेष दर्शन की व्यवस्था की गयी है. आज शाम 7 बजे तक मुख्य मंदिर में विग्रहों का प्रतिष्ठापन हो जायेगा. इसके बाद भगवान की महाआरती की जायेगी और उन्हें विशेष भोग लगाने के बाद मंदिर के पट बंद कर दिये जायेंगे. रथयात्रा महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति आस्था, परंपरा और उल्लास का प्रतीक है.
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