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झारखंड के 103 स्कूलों में नहीं है एक भी स्टूडेंट, फिर भी हैं 17 टीचर, एक शिक्षक के भरोसे चल रहे 7930 स्कूल

Government School In Jharkhand: सदन में हेमंत सोरेन की सरकार ने स्वीकार किया कि झारखंड में 103 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है, लेकिन वहां 17 शिक्षक कार्यरत हैं. राज्य में 7930 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं.

Government School In Jharkhand: रांची, आनंद मोहन-झारखंड में 103 ऐसे विद्यालय (स्कूल) हैं, जहां एक भी छात्र नहीं है, जबकि इन स्कूलों में 17 शिक्षक कार्यरत हैं. मंगलवार को विधानसभा में भाजपा विधायक राज सिन्हा के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को यह जानकारी दी. विधायक राज सिन्हा ने सरकार से सवाल किया था कि झारखंड के 8353 विद्यालय एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, जबकि राज्य के स्कूलों में 4.10 लाख बच्चे नामांकित हैं. विधायक ने पूछा कि 199 विद्यालय वैसे हैं, जहां एक भी छात्र नहीं हैं, लेकिन 398 शिक्षक कार्यरत हैं. मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को बताया कि विधायक का सवाल स्वीकार करता हूं, लेकिन यू-डायस के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 103 स्कूल हैं, जहां एक भी छात्र नहीं है और 17 शिक्षक ही पदस्थापित हैं.

7930 स्कूलों में हैं एक शिक्षक-शिक्षा मंत्री


शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार छात्रों को स्कूल तक भेजने के लिए स्कूल चलो जैसे अभियान चलाती है. नामांकन अभियान चलाकर छात्रों को स्कूल भेज रहे हैं. शिक्षकों का स्थानांतरण कर देंगे, तो आगे परेशानी होगी. उन्होंने सदन को बताया कि राज्य में 7930 स्कूल हैं, जहां एक शिक्षक कार्यरत हैं. वहीं पूरे राज्य के स्कूलों में तीन लाख 81 हजार 455 बच्चे नामांकित हैं. विधायक राज सिन्हा का कहना था कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 53 हजार शिक्षकों की जरूरत है, जबकि 17 हजार ही शिक्षक हैं. इस पर मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चला रही है.

26001 आचार्य की नियुक्ति प्रक्रियाधीन-रामदास सोरेन


झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को बताया कि राज्य में प्राथमिक विद्यालय के लिए 26001 आचार्य की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में छात्र नहीं हैं, वहां के लिए भी कार्य योजना तैयार की जा रही है. यहां पदास्थापित शिक्षकों के संबंध में भी निर्णय लिया जायेगा. विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि शिक्षा मंत्री बेहतर उत्तर दे रहे हैं, लेकिन राज्य में शैक्षणिक माहौल बनाने की जरूरत है. शिक्षक जितना ध्यान मीड-डे-मिल पर देते हैं, उतना शैक्षणिक माहौल बनाने में भी देना चाहिए.

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Guru Swarup Mishra
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मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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