: मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी
: 46.10 करोड़ रुपये के बीज घोटाला का मामलारांची . बहुचर्चित 46.10 करोड़ रुपये के बीज घोटाला मामले में आरोपी झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोग्ता की डिस्चार्ज पिटीशन पर मंगलवार को एसीबी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एसीबी ने जवाब दाखिल करने के लिए एक बार फिर से समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. मामले की अगली सुनवाई अब आठ अगस्त को होगी. इसके पहले भी इस मामले में एसीबी समय ले चुकी है. मामला वर्ष 2003 से 2005 के बीच राज्य में हुए बीज और कृषि उपकरण की खरीद में अनियमितताओं से जुड़ा है. आरोप है कि इस दौरान किसी भी सरकारी प्रक्रिया का पालन किये बिना मनचाही कंपनियों को ठेका दिया गया और करोड़ों रुपये की खरीदारी कर ली गयी. इस मामले में पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता, वर्तमान सांसद नलिन सोरेन, तत्कालीन कृषि सचिव वी जयराम और निस्तार मिंज समेत कई लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और पद के दुरुपयोग का आरोप है. मामले में एसीबी ने वर्ष 2009 में प्राथमिकी दर्ज की थी.
सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण के मामले में जवाब मांगा
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि वह बीसी-वन कैटेगरी से आता है, लेकिन जेपीएससी ने बीसी-वन कैटेगरी का लाभ नहीं दिया है. उसे सामान्य कोटि में रख दिया गया है. वहीं जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने बताया कि प्रार्थी ने आवेदन करते समय आरक्षण का दावा नहीं किया था, इसलिए उसे आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुप्रिया राणा ने याचिका दायर कर सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण का लाभ देने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है