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Heavy Rain Alert: झारखंड के लोगों सावधान! मौसम विभाग ने 5 दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने स्पेशल बुलेटिन जारी कर चेतावनी दी है. इसमें 28 जून, 29 जून, 30 जून, 1 जुलाई और 2 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, 29 जून, 30 जून और 1 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है.
रांची समेत इन जिलों में 28 जून को होगी भारी वर्षा
रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि 28 जून 2025 को राजधानी रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पलामू, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है.
29 जून को झारखंड के किन हिस्सों में होगी बारिश?
मौसम केंद्र ने 29 जून के लिए जारी ऑरेंज अलर्ट में कहा है कि राजधानी रांची, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में कुछ जगहों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है. वहीं, बोकारो, धनबाद, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी.
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30 जून के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
रांची, खूंटी, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम में 30 जून को कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जतायी गयी है. वहीं, गुमला, हजारीबाग, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार और लोहरदगा जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है.
1 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी
एक जुलाई को गुमला, गढ़वा, चतरा, पलामू, लातेहार और लोहरदगा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इसी दिन रांची, रामगढ़, बोकारो, खूंटी, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग और सिमडेगा जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है.
2 जुलाई के लिए आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट
2 जुलाई के लिए जारी येलो अलर्ट में कहा गया है कि रांची, गुमला, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, पलामू, चतरा, गढ़वा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है.
48 घंटे के दौरान बंगाल में बनेगा लो प्रेशर एरिया
मौसम विभाग ने कहा है कि ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश और उससे सटे गांगेय पश्चिम बंगाल पर उसी क्षेत्र में बना हुआ है, जो कि समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला था. इसके प्रभाव से अगले 48 घंटे के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे तटीय बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
झारखंड से गुजर रहा है इस्ट-वेस्ट ट्रफ
इसके बाद इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में गांगेय पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और झारखंड को पार करते हुए आगे बढ़ने की संभावना है. इस्ट-वेस्ट ट्रफ ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण (जो दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश और उससे सटे गांगेय पश्चिम बंगाल पर है) से लेकर झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश तक समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किलोमीटर के बीच फैली थी.
इस्ट-वेस्ट ट्रफ के असर से झारखंड में होगी भारी वर्षा
मौसम विभाग ने कहा है कि ये परिस्थितियां दर्शाती हैं कि झारखंड में 28 जून से 2 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है. यह मौसमी गतिविधि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में संभावित कम दबाव के क्षेत्र के निर्माण और उसके बाद इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में झारखंड की ओर बढ़ने के कारण होगी. इसके अलावा एक इस्ट-वेस्ट ट्रफ का झारखंड के ऊपर से गुजरना भी इस भारी वर्षा में योगदान देगा.
मौसम विभाग ने लोगों से कहा- सतर्क और सावधान रहें
इसलिए मौसम विभाग ने जनता से अनुरोध किया है कि वे सावधान और सतर्क रहें. मौसम विभाग ने कहा है कि इस दौरान कुछ जगहों पर वज्रपात और तेज हवाएं चलने की भी संभावना है.
भारी बारिश का क्या होगा असर
- कई जगहों पर भारी वर्षा के कारण भू-स्खलन हो सकता है.
- पहाड़ियों पर कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक आपूर्ति और परिहवन प्रभावित रह सकता है.
- कृषि और बागवानी फसल और पौधरोण को मामूली क्षति हो सकती है.
- जीवन और संपत्ति के नुकसान के अलग-अलग मामले सामने आ सकते हैं.
- निचले इलाकों में जलजमाव हो सकता है.
बारिश के दौरान क्या-क्या बरतें सावधानियां
- मछली पकड़ने/कैंपिंग या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी में जाने से बचें.
- छप्पर वाले मजबूत घरों में ही रहें, जो तेज हवाओं और भू-स्खलन को झेलने में सक्षम हो.
- बिना समय बर्बाद किये भू-स्खलन पथ या निचील घाटियों से तुरंत दूर चले जायें.
- संवेदनशील क्षेत्रों में रहने से बचने का प्रयास करें.
- खड़ी ढलानों और जल निकासी पथ के पास घर न बनायें.
- बारिश के बारे में रेडियो, टेलीविजन और वेबसाइट पर खबरें देखते रहें.
- नालियों को साफ रखें, कूड़े-पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि को नालियों में न फेंके.
- बहते पानी में न चलें. 6 इंच बहता पानी आपको गिरा सकता है. अगर आपको पानी में चलना ही है, तो वहां चलें, जहां पानी बढ़ रहा हो.
- अपने सामने जमीन की मजबूती की जांच करने के लिए छड़ी का इस्तेमाल करें.
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