रांची.
आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध कर रहे एचइसी सप्लाई कर्मियों ने शनिवार को 19वें दिन भी आंदोलन किया और एचइसी मुख्यालय को पूरी तरह से जाम कर दिया. कर्मियों ने सोमवार को अर्द्ध नग्न प्रदर्शन करने की बात कही. इस मौके पर सप्लाई कर्मियों की सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि एचइसी की खराब स्थिति के लिए केंद्र सरकार दोषी है. 2014 के बाद दिन-प्रतिदिन कंपनी की स्थिति खराब होती जा रही है. सप्लाई कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में बारिश एवं धूप में आंदोलन करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि निदेशक कार्मिक सप्लाई कर्मियों की समस्या हल कर उत्पादन बढ़ाये, अन्यथा आंदोलन का रूप बड़ा होगा. वहीं, एचइसी क्षेत्र के तीन पूर्व पार्षद सुचिता रानी, निरंजन एवं दीपक लोहरा भी आंदोलन में शामिल हुए. तीनों पार्षद ने कहा कि अगर प्रबंधन सप्लाई कर्मियों की समस्याओं का हल नहीं करता है, तो आवासीय परिसर के लोगों के साथ प्रदर्शन करेंगे. मौके पर रंथू लोहरा, दिलीप सिंह, मनोज पाठक, वाई त्रिपाठी, प्रेम प्रकाश नाथ शाहदेव, विकास शाहदेव, प्रमोद कुमार, शारदा देवी, मोईन अंसारी, उवैस आजाद, राजेश शर्मा, सुनील कुमार आदि मौजूद थे.वार्ता में नोटिस नहीं भेजने पर बनी सहमति
प्रदर्शन में शामिल तीनों पूर्व पार्षद ने निदेशक कार्मिक से मिलने की इच्छा जतायी. वहीं, निदेशक कार्मिक के कार्यालय से कहा गया कि अभी व्यस्त हैं, बाद में मिलेंगे. इससे सप्लाई कर्मी आक्रोशित हो गये और मुख्यालय को जाम कर दिया. इसके बाद निदेशक कार्मिक ने तीनों पार्षदों को वार्ता के लिए बुलाया. इस दौरान पूर्व पार्षदों ने कहा कि प्रबंधन सप्लाई कर्मियों को आवास खाली करने का नोटिस देना बंद करे. इस पर निदेशक कार्मिक ने कहा कि अब क्वार्टर में रहने वाले सप्लाई कर्मियों को नोटिस नहीं भेजा जायेगा. वहीं, अन्य मांगों को निदेशक कार्मिक ने टालने का प्रयास किया. सप्लाई कर्मियों ने कहा कि प्रबंधन पुरानी सुविधाओं और वेतन देने का वादा करे, तभी आंदोलन खत्म होगा.
श्रम मंत्री से मिला सप्लाई कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल
एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार के श्रम मंत्री संजय यादव से उनके कार्यालय में मिला और आंदोलन की जानकारी दी. इस पर श्रम मंत्री ने कहा कि एचइसी प्रबंधन से समस्याओं पर लिखित जवाब मांगा गया है, जो अभी तक नहीं मिला है. अगर जल्द जवाब नहीं मिलता है, तो उन्हें मंत्रालय के कार्यालय में बुलाया जायेगा और समाधान निकाला जायेगा. अगर प्रबंधन जवाब नहीं देता है, तो कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है