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झारखंड में मंईयां योजना बैक फायर होगी, ऐसी योजना देखनी हो, तो असम आइये, खास बातचीत में बोले हिमंता विश्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्द पर खुलकर बातचीत की है. उन्होंने कहा है कि मंईयां योजना बैकफायर करेगी.

रांची : भाजपा के विधानसभा चुनाव के सह- प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर आक्रामक हैं. वह लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं. शुक्रवार को वह प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे थे. बांग्लादेश घुसपैठ से लेकर राज्य सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, चुनावी रणनीति और भावी कार्ययोजना पर लंबी बातचीत की. वह मानते हैं कि मंईयां योजना से हेमंत सोरेन को विधानसभा चुनाव में कोई लाभ होनेवाला नहीं है. वह यह भी कहते हैं उनका मन झारखंड आने के लिए बार-बार कहता है. असम में जो अनुभव किया है, वह झारखंड में भी दिखता है. केवल चुनाव की बात नहीं है. राष्ट्रीय दायित्व निभा रहे हैं. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.

Q. असम में भी घुसपैठियों का मुद्दा रहा, झारखंड में भी है. चुनाव अपनी जगह है, आप इसका निदान क्या देखते हैं?

असम में घुसपैठियों की समस्या अलग किस्म की है. असम में निदान नहीं हो पा रहा, क्योंकि वोटर लिस्ट जैसे हमारे पास कोई दस्तावेज नहीं थे. सारे जला दिये गये थे. असम में घुसपैठियों को पकड़ने जायेंगे, तो दस लोगों के एक ही पिता का नाम मिलेगा. झारखंड में हालात अलग हैं. हेमंत सोरेन सबसे पहले समस्या को स्वीकार करें. असम में 42% घुसपैठिया हैं. आपको ऐसे 12 जिले असम में मिलेंगे, जहां एक भी अधिकारी हिंदू नहीं मिलेगा. जनप्रतिनिधि भी नहीं है. असम का एक जिला है दक्षिण सालमारा, जहां डीसी छोड़ कर एक भी अधिकारी हिंदू नहीं है. ऐसा ही झारखंड का पाकुड़ बनने जा रहा है. पश्चिम बंगाल, असम और झारखंड में घुसपैठ के मामले में नाजुक स्थिति है. अगला सेंसस आने दीजिए, चार से पांच फीसदी घुसपैठिये हो जायेंगे.

Q. राज्य सरकार ने अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है, मंईयां योजना लेकर आयी है, अब तक 14 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुका है. चुनाव में इसका असर देखते हैं?

ये योजना सरकार के लिए फायर बैक साबित होगा. जनता की विश्वसनीयता का सवाल है. अब चुनाव आया है, तो घोषणा कर रहे हैं. असम में यह योजना पहले से चल रही है. इसका हमने एक्सपेंशन किया है. हमारे यहां 2026 में चुनाव होना है. हमने चुनाव देख कर लागू नहीं किया था. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार लोगों को दो हजार रुपये ही दे पायेगी. इसमें से पांच सौ रिश्वत में चले जायेंगे. लाइन में लगने की वजह से रोपनी में नहीं जा सकेंगी महिलाएं, यह नुकसान अलग से. महिलाओं को 300 से 500 रुपये का नुकसान हुआ. यानी कुल मिला कर महिलाओं के हाथ करीब सात सौ रुपये आने हैं. लाइन में लगे लोगों को विश्वास नहीं है कि ये योजना आगे भी चलेगी. मैं असम में 1250 रुपये दे रहा हूं. अरुणोदय नाम से योजना चल रही है. 26 प्रतिशत लोगों को गरीबी से निकाला है. जिनको पैसे मिल रहे हैं, उसी परिवार को कई योजनाओं के सुरक्षा चक्र से बांधा है. इनको फ्री में अनाज मिल रहा, इसी फैमिली को केंद्र के आयुष्मान कार्ड की सुविधा, जिसके पास आयुष्मान कार्ड नहीं, उनके लिए राज्य सरकार का आयुष्मान कार्ड, जिसमें पांच लाख तक का इलाज मुफ्त, साथ ही इसी फैमिली के बच्चों को मुफ्त पढ़ाई की सुविधा. हमारी इस योजना का ऑक्सफोर्ड ने भी अध्ययन किया है. भाजपा सारे परिप्रेक्ष्य पर काम करती है, बेसिक पर काम करती है. एक हजार देने से गरीबी दूर नहीं होनेवाली है. हम चुनाव के लिए काम नहीं करते हैं.

Q. आपके कांग्रेस छोड़ने की वजहों को लेकर तरह-तरह की बातें आती हैं, आपने राहुल गांधी के रवैये के कारण कांग्रेस छोड़ा?

राहुल गांधी को मैं पसंद नहीं करता हूं. उनकी गतिविधियां देश विरोधी लगती हैं. वह देश विरोधी लोगों के साथ हैं. इंडो-अमेरिकन मुसलिम फोरम में बोलते हैं. चाइना की कम्युनिस्ट पार्टी से बात करते हैं. इनकी गतिविधि से संदेह होता है.

Q. विरोधी भी कहते हैं कि आपका असम में मन नहीं लग रहा है. वहां काम नहीं कर रहे हैं?

मैं झारखंड आकर अपने राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन कर रहा हूं. राष्ट्रीय दायित्व निभा रहा हूं. मुझे लगता है कि असम में जो भी मैंने अनुभव किया है, उसका इस्तेमाल थोड़ा झारखंड के लिए भी करूं. मैं राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन कर रहा हूं. चुनाव अपनी जगह है, मैं जो कर रहा हूं, राष्ट्र के लिए कर्तव्य है.

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Anand Mohan
Anand Mohan
I have 15 years of journalism experience, working as a Senior Bureau Chief at Prabhat Khabar. My writing focuses on political, social, and current topics, and I have experience covering assembly proceedings and reporting on elections. I also work as a political analyst and serve as the Convenor of the Jharkhand Assembly Journalist Committee.

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