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हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक चालकों की हड़ताल से जरूरी सामानों की होगी किल्लत

पंडरा बाजार और अपर बाजार की थोक मंडियों में रोजाना 150 से 200 बड़े ट्रक यूपी, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, आंध्रप्रदेश आदि राज्यों से सामान लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में हड़ताल का असर हो सकता है.

हिट एंड रन कानून के विरोध में देश भर में बस, ट्रक व अन्य वाहनों के चालक हड़ताल हैं. झारखंड में भी इसका असर देखा जा रहा है. यही कारण है कि रांची के बिरसा मुंडा और आइटीआइ बस स्टैंड से मंगलवार को बसें नहीं खुलीं. पड़ाव में ही खड़ी रहीं. वहीं, पंडरा बाजार समिति में भी काफी कम ट्रक पहुंचे. उक्त ट्रक चीनी, आटा और चावल लेकर पहुंचे थे. आस-पास के जिलों से भी छोटे व मंझोले ट्रक नहीं के बराबर पहुंचे. मंडी के व्यापारियों का कहना है कि झारखंड में चावल और सब्जियों को अगर छोड़ दें, तो ज्यादातर फल और अनाज बाहर से ही आते हैं. चालकों की हड़ताल के कारण आवक कम होने से लोगों को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि, कम आवक में सामान का दाम बढ़ना लाजमी है. ट्रक चालकों की हड़ताल अगर आगे भी जारी रही, तो आलू और प्याज के दाम में भी बढ़ोतरी होगी. क्योंकि, व्यापारियों के पास जो भी स्टॉक है, वह तीन-चार दिनों में खत्म हो जायेगा. बाहर से आलू-प्याज की आवक नहीं होने से दामों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा. वहीं, रामगढ़ से भारी मात्रा में आटा रांची आता है. इस कारण लोकल सप्लाई भी बाधित हो जायेगी.

पंडरा बाजार में 75 फीसदी सप्लाई चेन ठप है. ट्रक सड़कों से हट गये हैं. नये कानून के बाद ड्राइवर गाड़ी चलाने से मना रहे हैं.

संजय कुमार माहुरी, अध्यक्ष, रांची चैंबर

बाहरी राज्यों पर निर्भर हैं झारखंड की थोक किराना मंडियां

पंडरा बाजार और अपर बाजार की थोक मंडियों में रोजाना 150 से 200 बड़े ट्रक यूपी, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, आंध्रप्रदेश आदि राज्यों से सामान लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में हड़ताल का असर हो सकता है.

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मंडियों में आवक कम होने लगी

देश भर में ट्रक चालकों की अघोषित हड़ताल का असर राजधानी रांची सहित प्रमुख शहरों में दिखने लगा है. सामान लेकर रांची आनेवाले कई ट्रक बीच रास्ते में ही अटक गये हैं. पंडरा जैसी थोक मंडी और आढ़त में चार से पांच दिनों का ही बफर स्टॉक रहता है. ट्रकों के पहिये थमने से खाद्यान्न और सब्जी मंडियों में आवक कम होने लगी है. इससे कालाबाजारी के साथ सामान की कीमतें बढ़ने के आसार हैं.

ट्रक ड्राइवर गुस्से में हैं. फेडरेशन भी इसके खिलाफ है. ड्राइवर पर इतना भारी जुर्माना लगायेंगे, तो वे गाड़ी नहीं चलायेंगे. व्यवसायी संगठनों ने हड़ताल नहीं बुलायी. ड्राइवर खुद से हड़ताल पर हैं.

किशोर मंत्री, अध्यक्ष, झारखंड चैंबर

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Prabhat Khabar News Desk
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