Human Trafficking Case: झारखंड की 3 नाबालिग लड़कियों को केरल ले जाने के मामले में केरल की अदालत ने सबूतों के अभाव में नन समेत 5 लोगों को ‘तस्करी’ मामले में बरी कर दिया है. रेलवे पुलिस ने वर्ष 2022 में यह मामला दर्ज किया था. इसमें 5 लोगों पर ‘समान इरादे’ से लड़कियों को केरल के ‘विभिन्न कॉन्वेंट में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने के उद्देश्य से’ झारखंड से ले जाने का आरोप लगाया गया था.
2 नन समेत 5 लोगों को कोर्ट ने किया बरी
केरल की अदालत ने घरेलू काम के लिए 3 नाबालिग लड़कियों की तस्करी के आरोप से जुड़े इस मामले में 2 नन समेत 5 लोगों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि धमकी, जबरदस्ती या शोषण का कोई सबूत नहीं मिला. त्रिशूर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के कामनीस की अदालत ने 26 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 के तहत प्रथम दृष्टया मामला साबित करने में सफल नहीं हुआ. यह धारा मानव तस्करी से संबंधित है.
धोखाधड़ी, दुर्व्यवहार या जोर-जबरदस्ती के सबूत नहीं
आदेश में यह भी कहा गया है कि झारखंड की इन लड़कियों के साथ धमकी, धोखाधड़ी, छल या दासता जैसी प्रथाओं का कोई सबूत नहीं मिला है. पीड़िताओं ने यह भी बताया कि उनकी यात्रा के बदले कोई राशि नहीं ली गयी. अदालत ने कहा कि ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि लड़कियों को किसी प्रकार की धमकी देकर ले जाया गया था. अपहरण या धोखाधड़ी या दुर्व्यवहार या जोर जबरदस्ती का कोई मामला नहीं बनता है.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
गुलामी या दासता जैसा कोई प्रयास नहीं हुआ
कोर्ट ने कहा कि मुख्य आरोप यह है कि किसी प्रकार का दबाव या प्रलोभन दिया गया. यह देखा जाना चाहिए कि पीड़िताओं सहित किसी भी गवाह ने ऐसा नहीं कहा है. पीड़िताओं का कहना है कि कोई राशि प्राप्त नहीं हुई थी. इस आशय का भी कोई दावा नहीं किया गया कि गुलामी या दासता जैसा कोई प्रयास किया गया.
रिहा किये गये 5 लोगों में 3 झारखंड की मूल निवासी
‘चाइल्डलाइन’ के सदस्यों ने 15 से 18 वर्ष की आयु की इन लड़कियों को वर्ष 2022 में त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर रोका था. अदालत ने कहा कि लड़कियां अपने माता-पिता की सहमति से और बेहतर जीवन की तलाश में यात्रा कर रहीं थीं. वहां किसी भी तरह का जबरन श्रम कराने का आरोप भी नहीं था. सभी 5 आरोपियों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 227 के तहत बरी कर दिया गया. इनमें से 3 झारखंड की मूल निवासी हैं और अंबाकाड स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट और पूमाला स्थित फातिमा कॉन्वेंट की मदर सुपीरियर्स (कॉन्वेंट की प्रमुख) हैं.
इसे भी पढ़ें
अल कायदा के टेरर मॉड्यूल की लेडी ‘बॉस’ निकली कोडरमा की शमा परवीन, बेंगलुरु से गिरफ्तार
रांची से अपहृत बच्ची को पटना ले जाना चाहते थे अपहर्ता, एनकाउंटर के डर से छात्रा को छोड़कर भागे
Crime News: गुमला में पुत्र ने टांगी से काटकर पिता को मार डाला, गांव में सनसनी
12 साल से मां और 2 भाईयों के साथ बेंगलुरु में रह रही थी AQIS टेरर मॉड्यूल की ‘सरगना’ शमा परवीन