रांची. सीयूजे में कोरियाई सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा सीखने के लिए आठ दिवसीय भारतीय भाषा और कल्चर ट्रेनिंग प्रोग्राम का उदघाटन सोमवार को किया गया. उदघाटन जल योद्धा पद्मश्री उमा शंकर पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्द्धन त्रिपाठी, कोरिया के प्रो यि यूंग ली व प्रो कोह ते जिन और विवि के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने संयुक्त रूप से किया. पद्मश्री उमा शंकर पांडेय ने विवि में कोरियन इंजीनियरों की ट्रेनिंग की इस पहल की सराहना की. उन्होंने अपने जल संरक्षण की बात रखी और मानव जीवन में उसकी अहमियत पर प्रकाश डाला. हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के सैमसंग का झारखंड राज्य के केंद्रीय विवि के साथ ये सांस्कृतिक संवाद असली भारत के साथ जोड़ता है. दो देशों के बीच भाषायी और सांस्कृतिक संबंध जोड़ने का प्रयास है. कुलपति ने कहा कि दक्षिण कोरिया जैसे मित्र देश के साथ प्रगाढ़ता और दोनों देशों की संस्कृति और भाषा के आदान-प्रदान में सीयूजे की अहम भूमिका रहेगी. कार्यक्रम में हांकुक विवि के प्रो यि यूंग ली व प्रो कोह ते जिन ने अपनी हिंदी भाषा के विस्तृत ज्ञान को सबके समक्ष रखा. दोनों ने धाराप्रवाह शुद्ध उच्चारण के साथ हिंदी में बोलकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि जब भी वे भारत आते हैं यहां से हम हर बार कुछ सीख कर जाते हैं. इससे पूर्व डीन प्रो श्रेया भट्टाचार्जी ने आगंतुकों का स्वागत किया. मौके पर शशि मिश्रा, मुकेश कुमार जायसवाल आदि उपस्थित थे.
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