RIMS-2 : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी पर आरोप लगाया है कि वे रिम्स-2 पर झूठी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रिम्स-2 परियोजना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाये गये आरोप “झूठ की राजनीति का झंडाबरदार” है. बाबूलाल मरांडी आज आदिवासी हितैषी बनने की नौटंकी कर रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि उनसे बड़ा आदिवासी विरोधी कोई नहीं.
रघुवर सरकार के समय क्यों मौन थे बाबूलाल – इरफान अंसारी
मंत्री इरफान आगे कहते हैं कि “जब रघुवर दास की सरकार ने आदिवासियों की जमीन पर विधानसभा भवन और स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर उजाड़ने का काम किया, तब बाबूलाल मरांडी मौन क्यों थे? तब उनकी संवेदनशीलता कहां सोई थी? उस समय न तो उनके दिल में आदिवासियों की पीड़ा थी, न ही उन्हें संविधान की याद आई.”
रिम्स-2 परियोजना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष @yourBabulal द्वारा लगाए गए आरोप “झूठ की राजनीति का झंडाबरदार” है। बाबूलाल मरांडी आज आदिवासी हितैषी बनने की नौटंकी कर रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि उनसे बड़ा आदिवासी विरोधी कोई नहीं।
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) May 31, 2025
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किसी की निजी जमीन पर नहीं बन रहा रिम्स 2 – स्वास्थ्य मंत्री
उन्होंने कहा कि रिम्स-2 किसी भी आदिवासी या किसान की निजी खेती की जमीन पर नहीं बन रहा है. बल्कि यह पूरी तरह से राज्य सरकार की स्वामित्व वाली जमीन पर प्रस्तावित है. “झूठ फैलाना और लोगों को गुमराह करना भाजपा का पुराना हथकंडा है. बाबूलाल मरांडी जानबूझकर आदिवासी समाज को भड़का करके सस्ती राजनीति करना चाहते हैं.”
झारखंड की जनता जान चुकी है कि बाबूलाल मरांडी न तो स्थिर विचार के नेता हैं और न ही जनता के हितैषी. जब भाजपा में नहीं थे, तब खुद को सेक्युलर कहते थे. आज भाजपा में हैं तो आदिवासी कार्ड खेलकर सिर्फ सियासी जमीन तलाश रहे हैं. जब रघुवर दास की सरकार में जामताड़ा में आदिवासी भूमि पर जबरन भाजपा कार्यालय का निर्माण किया गया, तब उन्होंने आदिवासी हितों पर चुप्पी साध ली थी. क्या वह आदिवासी जमीन नहीं थी? क्या उस समय संविधान नहीं था? उस समय उनकी आदिवासी संवेदना क्यों नहीं जागी?”
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झारखंड की जनता का सपना है रिम्स 2
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “रिम्स-2 परियोजना झारखंड की जनता का सपना है. एक ऐसा सपना, जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, अत्याधुनिक उपचार सुविधाओं और कमजोर वर्गों तक सुलभ इलाज की दिशा में ऐतिहासिक कदम है. रिम्स में इलाज के लिए राज्यभर से भारी संख्या में मरीज आते हैं. अस्पताल पर अत्यधिक दबाव है. रिम्स-2 के निर्माण से स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ बंटेगा और मरीजों को तत्काल व गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सकेगा. यह फैसला पूरी तरह जनहित में है.
भाजपा को खटक रही समावेशी सोच
मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि “हेमंत सोरेन की सरकार यहां के आदिवासियों एवं मूलवासियों की सरकार है,भाजपा की तरह दलालों की नहीं, बल्कि जनता की सरकार है. यह सरकार झारखंड के हर वर्ग, हर जाति, हर धर्म को साथ लेकर चल रही है. यही समावेशी सोच भाजपा को खटक रही है.”
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- तथ्य पेश करें बाबूलाल मरांडी
उन्होंने कहा कि “अगर वास्तव में बाबूलाल की राज्य के विकास में रुचि है तो रिम्स-2 जैसे जनकल्याणकारी परियोजनाओं का विरोध नहीं, समर्थन करें. लेकिन अफसोस है कि वे सिर्फ अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जनता के हितों की नहीं. हम जनता से झूठ नहीं बोलते. रिम्स-2 आदिवासियों की जमीन पर नहीं बन रहा, यह सौ फीसदी सरकारी जमीन है. भाजपा नेता को अगर हिम्मत है, तो तथ्य प्रस्तुत करें, वरना सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश बंद करें.
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