रांची. कवि और लेखिका जसिंता केरकेट्टा को दिल्ली में स्थित फिलिस्तीन दूतावास ने सम्मानित किया है. इस अवसर पर उन्हें फिलिस्तीनी स्कार्फ और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी डी एफेयर्स अबेद एलराजेग अबू जाजेर ने इस दौरान जसिंता के गाजा, फिलिस्तीन के बच्चों, स्त्रियों और लोगों के पक्ष में दृढ़ता के साथ खड़े होने के लिए उनकी सराहना की. गौरतलब है कि जसिंता केरकेट्टा ने कुछ समय पहले अपनी किताब जिरहुल के लिए रूम टू रीड और यूएस एड के संयुक्त सहयोग से मिलने वाले यंग ऑथर अवॉर्ड को गाजा, फिलिस्तीन में हो रहे जनसंहार के विरोध में बच्चों, स्त्रियों और लोगों के पक्ष में खड़े होते हुए अस्वीकार किया था. फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी डी एफेयर्स अबेद एलराजेग अबू जाजेर ने कहा कि भारत में किसी कवि ने साहस के साथ फिलिस्तीन के लोगों के लिए खड़े होने का चुनाव किया, जिसकी वे सराहना करते हैं. इस दौरान उन्होंने आदिवासियों के बारे में भी जानना चाहा. जसिंता केरकेट्टा ने उन्हें आदिवासियों के संघर्ष, उनके जीवन दर्शन के बारे में बताया. जसिंता केरकेट्टा के साथ नॉर्थ ईस्ट के गारो समुदाय की आदिवासी अधिकारों और मानवाधिकारों को लेकर एडवोकेट करने वाली अंतरराष्ट्रीय लैंड कॉलिशन (आइएलसी) की सदस्य नीना संगमा भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि भारत की उरांव और गारो समुदाय की आदिवासी स्त्रियों के रूप में वे एक साथ फिलिस्तीन के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करती हैं.
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