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Jagarnath Mahto: 1932 के खतियान के प्रबल पैरोकार थे जगरनाथ महतो, पहले ही छपवा ली थी चादर

1932 के खतियान को लेकर जगरनाथ महतो इतने आश्वस्त थे कि पहले ही 1932 का खतियान संबंधी शॉल बनवा लिया था. 1932 के खतियान संबंधी बिल के विधानसभा से पास होते ही उन्होंने यह शॉल सबसे पहले दिशोम गुरु शिबू सोरेन को ओढ़ाया था.

झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto Death) 1932 के खतियान के प्रबल पैरोकार थे. इस मुद्दे पर अगर झारखंड सरकार का कोई मंत्री सबसे मुखर होकर बोलता था, तो वो थे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो. जगरनाथ महतो अपने क्षेत्र में भी काफी लोकप्रिय थे. 1932 के खतियान को लेकर वह इतने आश्वस्त थे कि पहले ही 1932 का खतियान संबंधी शॉल बनवा लिया था. 1932 के खतियान संबंधी बिल के विधानसभा से पास होते ही उन्होंने यह शॉल सबसे पहले दिशोम गुरु शिबू सोरेन को ओढ़ाया था.

प्रभात खबर ‘संवाद’ में जगरनाथ महतो का 1932 पर दिया गया बयान

पिछले वर्ष ‘प्रभात खबर’ संवाद में जगरनाथ महतो ने कहा था कि 1932 का खतियान झारखंड विधानसभा से पास होकर रहेगा. इसे पारित होने से कोई नहीं रोक पायेगा. इतना ही नहीं, झारखंड में 1932 का खतियान लागू होकर भी रहेगा. उन्होंने कहा था कि यह झारखंडियों की पहचान से जुड़ा मुद्दा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा इससे पीछे नहीं हटेगा. झारखंड के लोगों को उसका अधिकार मिलना ही चाहिए.

झारखंडियों को झारखंड में पहचान नहीं मिलेगी, तो कहां मिलेगी

जगरनाथ महतो कहते थे कि झारखंड में अगर झारखंडियों को उसकी पहचान नहीं मिलेगी, तो कहां मिलेगी. इस मुद्दे पर वह विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते थे. जगरनाथ महतो ने कहा था कि विपक्षी दल सिर्फ विरोध के लिए 1932 के खतियान का विरोध कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खुद कहती है कि झारखंडियों की एक पहचान 1932 का खतियान. लेकिन, अब वह विरोध कर रही है, क्योंकि उसे सरकार की नीतियों का विरोध करना है.

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किसी की हिम्मत नहीं कि बिल को सदन में रोक दे

प्रभात खबर की ओर से आयोजत विशेष कार्यक्रम ‘संवाद’ में जगरनाथ महतो ने कहा था कि बिहार में भी 1932 का खतियान प्रभावी है. फिर जब झारखंड अलग राज्य बन गया, तो यहां की स्थानीय नीति में 32 के खतियान को आधार क्यों नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कहा था कि स्थानीय नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. इसे अब सदन में रखा जायेगा. कैबिनेट से पास होने के बाद हम सदन में भी जीतेंगे. किसी की हिम्मत नहीं कि इस बिल को पास होने से रोक दे.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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