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झारखंड पेयजल घोटाला मामले में ACB ने शुरू की जांच, DGP जल्द कर सकते हैं समीक्षा बैठक

Jharkhand Drinking Water Scam: झारखंड पेयजल घोटाला मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. प्रभात खबर ने इससे संबंधित 6 कड़ियां प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था. सोमवार या मंगलवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता इसे लेकर समीक्षा बैठक कर सकते हैं.

रांची : झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 20 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़े मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुरू कर दी है. जांच की जिम्मेदारी डीएसपी रैंक के एक अधिकारी को सौंपी गयी है. सोमवार या मंगलवार को डीजीपी सह एसीबी के चीफ अनुराग गुप्ता इस मामले की समीक्षा कर सकते हैं. समीक्षा के बाद जांच और साक्ष्य संकलन की दिशा में कार्रवाई की जायेगी. एसीबी ने सरकार के निर्देश पर सदर थाने में दर्ज केस को टेकओवर करने के बाद यह जांच शुरू की है.

पेयजल घोटाला मामले में सरकारी कर्मियों की संलिप्तता भी आयी है सामने

पेयजल घोटाला मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की हेराफेरी उजागर होने के साथ ही सरकारी कर्मियों की संलिप्तता सामने आयी है. इसे देखते हुए रांची के डीआइजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने एसीबी जांच की अनुशंसा की थी. एसीबी ने जांच के लिए विभाग से कई दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व में रोकड़पाल संतोष के खिलाफ सदर थाना में केस दर्ज किया गया था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है.

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अपने अकाउंट में रख ली थी संतोष ने अपने भुगतान की राशि

जांच में खुलासा हुआ कि विभाग द्वारा कंपनी को किये जाने वाले भुगतान की राशि संतोष ने अपने अकाउंट में रख ली थी. विभागीय स्पष्टीकरण के दौरान संतोष ने बताया कि इस धनराशि से कार्यपालक अभियंता सहित वरिष्ठ अधिकारियों को महंगे उपहार दिये गये थे. इनमें जेवरात, लैपटॉप और मैकबुक शामिल थे. वित्त विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि एलएंडटी के नाम पर पांच फर्जी एकाउंट खोले गये थे. साथ ही पैसे के भुगतान के नाम पर मृतक कर्मी के नाम पर पेआईडी खोला गया था.

पेयजल घोटाला मामले में चार ट्रेजरी अफसर को किया जा चुका है निलंबित

लगभग 59 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के लिए दूसरा फंड कोषागार में ट्रांसफर किया गया था. वित्त विभाग की जांच के दौरान इस पूरे प्रकरण में ट्रेजरी की भी भूमिका सामने आयी है. अब तक इस मामले में चार ट्रेजरी अफसर को निलंबित किया जा चुका है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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