Jharkhand High Court News: झारखंड हाईकोर्ट ने जिन 10 लोगों के खिलाफ वर्षों से फैसला नहीं सुनाया था, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एक सप्ताह में अपना निर्णय सुना दिया. मामला झारखंड के 10 लोगों से जुड़ा है, जिनकी याचिका पर हाईकोर्ट वर्षों से फैसला नहीं सुना रहा था. सभी 10 दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और इसके बाद एक सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.
10 दोषियों में 6 को सुनायी गयी है मृत्युदंड की सजा
इन 10 दोषियों में से 6 वर्ष को मृत्युदंड तक की सजा सुनायी गयी है. इन लोगों ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसले वर्षों पहले सुरक्षित रखे जाने के बावजूद उनके निपटारे में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई
शीर्ष अदालत ने दोषियों की याचिका पर विचार करने पर 14 जुलाई को सहमति जतायी थी. इसके बाद झारखंड सरकार और झारखंड हाईकोर्ट से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने 21 जुलाई को मामले की सुनवाई की थी.
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अलग-अलग तारीख पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
दोषियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील फौजिया शकील ने पीठ को बताया कि हाईकोर्ट ने अलग-अलग तारीखों पर फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अमित कुमार दास और बसंत कुमार महतो के मामले में हाईकोर्ट ने क्रमशः 16 जुलाई और 18 जुलाई को उनकी दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर दिया. दास को जेल से रिहा कर दिया गया, जबकि महतो फैसला अपलोड नहीं किये जाने के कारण जेल में ही है.
बसंत को जमानत बांड पर रिहा करने का निर्देश
पीठ ने झारखंड सरकार को बसंत कुमार महतो को जमानत बांड प्रस्तुत करने की शर्त पर रिहा करने का निर्देश दिया. आजीवन कारावास की सजा काट रहे निर्मल भेंगरा नाम के दोषी के मामले में पीठ ने कहा कि दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उसकी याचिका हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को खारिज कर दी थी.
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Jharkhand High Court: सुप्रीम कोर्ट ने झालसा को दिया ये निर्देश
पीठ ने झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के सदस्य सचिव को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता से तुरंत संपर्क करें. अगर वह निजी वकील की सेवाएं लेने की स्थिति में नहीं है, तो उसे नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करें, ताकि वह अदालत में अपने मामले के समाधान या छूट के लिए अपील कर सके.
मृत्युदंड का सामना कर रहे नितेश साहू की याचिका कर दी गयी थी खारिज
इसने कहा कि मृत्युदंड का सामना कर रहे नितेश साहू की याचिका भी खारिज कर दी गयी है और उसके मामले में भी इसी तरह का रास्ता अपनाया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि मौत की सजा पाने वाले 2 अन्य दोषियों सनातन बास्की और सुखलाल मुर्मू के मामले में हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को फैसला सुनाया था. इस केस में मतभेद के बाद इसे किसी तीसरे जज को भेज दिया गया था.
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झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से केस की सुनवाई करने का अनुरोध
पीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के नवनियुक्त चीफ जस्टिस से अनुरोध किया कि वह इन मामलों की सुनवाई करें और जल्द से जल्द इनका निपटारा करने का प्रयास करें. यह भी कहा कि मौत की सजा पाने वाले 3 अन्य दोषियों गांधी उरांव, रोहित राय और बंधन उरांव के मामले में हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को फैसला सुनाया था और उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गयी थी.
‘गांधी उरांव, रोहित राय, बंधन उरांव से संपर्क करे झालसा’
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को गांधी उरांव, रोहित राय एवं बंधन उरांव से संपर्क करने और शीर्ष अदालत में अपील दायर करने या उपयुक्त प्राधिकारियों के समक्ष क्षमादान की याचिका दायर करने में उनकी सहायता करने को कहा.
बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद थे 10 दोषियों में 9
आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्रताप साही के मामले में भी इसी तरह के निर्देश दिये गये. उसकी अपील पर आदेश लंबित रहने के दौरान उसकी सजा पहले ही निलंबित कर दी गयी थी. इन 10 लोगों में से 9 रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में कैद थे. एक दुमका जिले की केंद्रीय कारागार में था.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी उच्च न्यायालयों से रिपोर्ट मांगी है, जिनमें मामले निर्णय के लिए सुरक्षित रखे जाने के बाद वर्षों से लंबित हैं. इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 22 सितंबर के लिए स्थगित कर दी.
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