Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट ने रामगढ़ के बसंतपुर कोल वाशरी से हो रहे प्रदूषण को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद डीएलएसए रामगढ़ के सचिव को स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. डीएलएसए सचिव सुनवाई शुरू होने से पहले दोपहर दो बजे तक रिपोर्ट कोर्ट को देंगे. खंडपीठ ने सचिव को इन बिंदुओं पर जैसे क्या कोयला वाशरी स्थल पर पर्याप्त सड़कें बनायी गयी हैं? क्या कोयला ले जाने वाले ट्रक ढंके हुए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धूल और अन्य प्रकार का प्रदूषण न हो, पर रिपोर्ट करेंगे. रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय स्थानीय लोगों की टिप्पणियां भी प्राप्त की जाएं. सचिव को आदेश की प्रति शुक्रवार को एक घंटे के भीतर फैक्स, ई-मेल या ह्वाट्सएप पर भेजा जाए.
28 जुलाई को अगली सुनवाई
खंडपीठ ने संबंधित उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक तथा अन्य सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि डीएलएसए सचिव को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे बिना किसी देरी या बाधा के कार्य संपन्न कर सकें. यह निर्देश देते हुए खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि निर्धारित की.
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प्रदूषण रोकने या दूसरी जगह पर वाशरी लेने जाने की मांग
इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पैरवी की. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि बसंतपुर कोल वाशरी में प्रतिदिन लगभग 700-800 बार कोयला लाने-ले जाने का काम होता है. इस दौरान कोयला का डस्ट भी उड़ता है. कोयला से प्रदूषण हो रहा है. आसपास में बड़ी आबादी है. लोग प्रदूषण की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं. पेयजल भी प्रदूषित हो रहा है. ग्रामीणों ने प्रदूषण रोकने अथवा दूसरी जगह पर वाशरी लेने जाने की मांग की है. खुशीलाल महतो व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
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