Jharkhand Liquor Scam: राज्य में 38 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाला केस में शनिवार को एसीबी ने गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. जानकारी के अनुसार, शराब घोटाला मामले में शनिवार को पूछताछ और रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद एसीबी ने तत्कालीन और वर्तमान में निलंबित उत्पाद सचिव विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को कोर्ट में प्रस्तुत किया. इसके बाद दोनों अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
इन बिंदुओं पर की गयी पूछताछ
बताया गया कि पूछताछ के दौरान दोनों से शराब के कारोबार, दो कंपनियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा कर मैन पावर सप्लाई करने का काम लेने सहित अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की गयी. पूछताछ के दौरान विनय चौबे एसीबी को असहयोग करते दिखे. उन्होंने अपनी बिगड़ी तबीयत का हवाला देते हुए एसीबी को कई सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया. इसी तरह गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ के दौरान एसीबी को कोई विशेष जानकारी नहीं मिली.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
उमाशंकर सिंह से घंटों चली पूछताछ
इधर, शराब घोटाला केस में शनिवार को एसीबी की टीम ने शराब कारोबार से जुड़े उमाशंकर सिंह से भी घंटों पूछताछ की. उमाशंकर से विशेष रूप से उनकी कंपनी के बारे में जानकारी हासिल की गयी. मालूम हो कि शराब घोटाला केस में एसीबी ने इन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के बुलाया था. नोटिस 26 मई को हटिया चांदनी चौक चौहान हाउस स्थित इनके पते पर भेजा गया था.
इसे भी पढ़ें JAC Board 12th Science Topper: मजदूर का बेटा बना इंटर साइंस का थर्ड स्टेट टॉपर, बिना कोचिंग हासिल की सफलता
पांच लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि झारखंड शराब घोटाला में अब तक एसीबी पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, जियाडा के रीजनल डॉयरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार, वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास व मार्शन के प्रतिनिधि नीरज को 22 मई को गिरफ्तार किया गया था.
इसे भी पढ़ें
सिमडेगा में जुआरियों और सट्टेबाजों पर गिरेगी पुलिस की गाज, गांजा तस्करी रोकने के लिए भी हाई अलर्ट