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Jharkhand News: 19 विधायकों व पूर्व विधायकों ने इलाज में खर्च के मांगे 1.07 करोड़ रुपये, भुगतान हुआ 54 लाख

झारखंड के जिन 19 विधायकों और पूर्व विधायकों द्वारा इलाज खर्च के दावे का निपटारा किया जा चुका है, उसमें आठ पूर्व और 11 वर्तमान विधायक हैं. आठ पूर्व विधायकों ने इलाज खर्च के रूप में 27.45 लाख रुपये का दावा किया था.

Jharkhand News, रांची : झारखंड के 19 विधायकों व पूर्व विधायकों ने अपने और आश्रितों के इलाज पर हुए खर्च के रूप में 1.07 करोड़ रुपये का दावा किया. लेकिन जांच पड़ताल के बाद सिर्फ 54.87 लाख रुपये का ही भुगतान किया गया है. इसके अलावा 18 विधायकों पूर्व विधायकों के इलाज का खर्च के भुगतान पर सहमति के लिए फाइलें सरकारी कार्यालयों की चक्कर लगा रही है.

19 विधायकों और पूर्व विधायकों के इलाज के खर्च का किया जा चुका है निपटारा

झारखंड के जिन 19 विधायकों और पूर्व विधायकों द्वारा इलाज खर्च के दावे का निपटारा किया जा चुका है, उसमें आठ पूर्व और 11 वर्तमान विधायक हैं. आठ पूर्व विधायकों ने इलाज खर्च के रूप में 27.45 लाख रुपये का दावा किया था. हालांकि इन्हें सिर्फ 8.23 लाख रुपये का ही भुगतान किया गया है. 11 वर्तमान विधायकों ने इलाज खर्च के रूप में 80.12 लाख रुपये का दावा किया था. हालांकि जांच के बाद इन्हें सिर्फ 46.64 लाख रुपये का ही भुगतान किया गया है. शेष रकम की कटौती जांच पड़ताल के दौरान कर दी गयी. पूर्व विधायकों में सिर्फ स्व कमल किशोर भगत ही ऐसे व्यक्ति थे, जिनके दावे में किसी तरह की कटौती नहीं की गयी.

समरेश सिंह ने 3.27 लाख रुपये

जबकि वर्तमान विधायकों मे कोई भी ऐसा नहीं जिसके मेडिकल बिल में कटौती नहीं की गयी हो. विधानसभा में अग्रिम नीति का लाभ लेनेवालों में पूर्व विधायक समरेश सिंह (अब स्वर्गीय) और वर्तमान विधायकों में भूषण तिर्की का नाम शामिल है. समरेश सिंह ने 3.27 लाख रुपये बतौर पूर्व विधायक अग्रिम लिया था. इसके समायोजन की प्रक्रिया अभी चल रही है. विधायक भूषण तिर्की ने 17.60 लाख रुपये का अग्रिम लिया. इसके मुकाबले 6.36 लाख रुपये का बिल जमा किया. हालांकि जांच के बाद सिर्फ 1.60 लाख रुपये का भुगतान हुआ.

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एम्स की दर पर विधायकों को हो रहा था भुगतान, अब सीजीएचएस की दर पर होगा

झारखंड सरकार के पदाधिकारियों और कर्मियों को चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति एम्स, दिल्ली की दर पर होता था. विधायक और पूर्व विधायक के लिए भी यही नियमावली के तहत भुगतान होता हो रहा था. एम्स की दर होने के कारण बड़ी राशि की कटौती हो रही थी. सरकार में इलाज के लिए सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में खर्च ज्यादा होता था, लेकिन भुगतान एम्स में अलग-अलग बीमारियों के लिए खर्च कम निर्धारित किया होता था. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व की नियमावली को निरस्त कर दिया. कैबिनेट ने इस वर्ष मार्च में गैर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज का खर्च सीजीएचएस दर पर निर्धारित करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद अस्पतालों के खर्च में कटौती कम होगी.

राज्य चिकित्सा पर्षद दावा का करता है स्क्रूटनी

राज्य के विधायकों और पूर्व विधायकों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावे का स्क्रूटनी राज्य चिकित्सा पर्षद करता है. विधानसभा के माध्यम से फाइल राज्य चिकित्सा पर्षद जाता है. राज्य के कर्मियों और पदाधिकारियों के लिए भी यही व्यवस्था है.

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Anand Mohan
Anand Mohan
I have 15 years of journalism experience, working as a Senior Bureau Chief at Prabhat Khabar. My writing focuses on political, social, and current topics, and I have experience covering assembly proceedings and reporting on elections. I also work as a political analyst and serve as the Convenor of the Jharkhand Assembly Journalist Committee.

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