Jharkhand Politics News|भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने लोकसभा में झारखंड के संताल परगना को अलग राज्य बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने संताल परगना में ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ को अलग करके परिसीमन कराने की मांग की है. गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में संताल परगना में ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ की संख्या में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया. कहा कि अगला परिसीमन इन्हें अलग करके होना चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से आदिवासियों की सीटें जा रहीं हैं.
सांसद ने शून्यकाल में लोकसभा में उठाया झारखंड का मुद्दा
निशिकांत दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस समस्या के समाधान के लिए संताल परगना को अलग राज्य बनाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत हो, तो झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर भी विचार किया जाये.
प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी : Ho Tribe: कन्या भ्रूण हत्या से कोसों दूर हो जनजाति के लोग, बेटियों के जन्म पर मनाते हैं जश्न
लोकसभा में बोले निशिकांत दुबे- मुद्दा ‘हिंदू-मुसलमान’ का नहीं
निशिकांत दुबे अक्सर लोकसभा में यह मुद्दा उठाते रहते हैं. उन्होंने आज कहा कि यह मुद्दा ‘हिंदू-मुसलमान’ का नहीं है. संसद में उन्होंने कहा, ‘वर्ष 1951 से वर्ष 2011 के बीच देश में मुस्लिमों की आबादी 4 प्रतिशत बढ़ी. संताल परगना में इसी दौरान मुसलमानों की आबादी 15 प्रतिशत बढ़ी. यह बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हुआ है.’
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
गोड्डा के सांसद बोले- 60 साल में मुसलमानों की आबादी 15% बढ़ी
उनके मुताबिक, वर्ष 1951 में संताल परगना में आदिवासियों की आबादी 45 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2011 में घटकर सिर्फ 28 प्रतिशत रह गयी. इसी अवधि में मुसलमानों की आबादी 9 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी. डॉ दुबे ने कहा, ‘मेरा आग्रह है कि परिसीमन बांग्लादेशियों को अलग करके ही किया जाये.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘इस पूरे इलाके को एक प्रदेश बना सकते हैं, तो बनाइए.’
इसे भी पढ़ें
होली से पहले हेमंत सोरेन ने की हाई लेवल मीटिंग, पुलिस को दिये ये निर्देश
गैंगस्टर अमन साहू के शव को बर्फ की सिल्ली में रखकर एंबुलेंस से भेजा रांची
12 मार्च को आपको कितने में मिलेगा 14 किलो का एलपीजी सिलेंडर, यहां देखें कीमत
Cabinet Decisions: सिपाही और उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली के गठन को कैबिनेट की मंजूरी