जेयूटी में झारखंड सीएसआर कानक्लेव-2025 यूनिवर्सिटी मीटअप का आयोजन
रांची. झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) के कुलपति डॉ डीके सिंह ने कहा कि सीएसआर अब केवल कॉरपोरेट दायित्व नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रभावी माध्यम बन चुका है. शिक्षा के क्षेत्र में इसकी भूमिका न केवल संसाधनों की पूर्ति करती है, बल्कि नवाचार, अनुसंधान, कौशल विकास और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देती है. डॉ सिंह जेयूटी सभागार में आयोजित झारखंड सीएसआर कानक्लेव 2025 यूनिवर्सिटी मीटअप में बोल रहे थे. जेयूटी इस सीएसआर कानक्लेव का टेक्नोलॉजी पार्टनर है. कानक्लेव 22-23 अगस्त 2025 को रेडिशन ब्लू होटल में होगा. कुलपति ने कहा कि झारखंड सीएसआर कानक्लेव-2025 एक राज्यस्तरीय पहल है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सीएसआर निवेश को प्रभावशाली एवं स्थानीय विकास से जोड़ना है. इस वर्ष का कानक्लेव विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण एवं जनजातीय कल्याण जैसे विषयों पर केंद्रित है. संस्थाएं व संगठन पांच अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. सम्मेलन में बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि शिक्षा और सीएसआर के समन्वय से राज्य के युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त होंगे. विभावि के कुलपति डॉ चंद्रभूषण शर्मा ने इस बात पर बल दिया कि झारखंड जैसे राज्य में, जहां शिक्षा तक पहुंच एक चुनौती है, वहां सीएसआर नीतियां और सहयोग शैक्षिक परिदृश्य को नया आयाम दिया जा सकता है. इस अवसर पर झारखंड सीएसआर कानक्लेव बोर्ड के सदस्य डॉ पंकज सोनी, राजीव कुमार गुप्ता, उमेश साह, शिवशंकर उरांव, रांची विवि के कुलपति प्रो डीके सिंह सहित राज्य के अन्य विवि के कुलपति, कुलसचिव, कॉलेजों के प्राचार्य और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है