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बच्चों के साथ नेतरहाट घूमने के लिए संयुक्ता ने मांगा था पुलिस स्कॉट

जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के लटमा चौरियाटोली स्थित नागेश्वरी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 106 में रहनेवाली 34 वर्षीय संयुक्ता सिंह ने अपने 12 वर्षीय बेटे आरव सिंह और 10 वर्षीय बेटी आराध्या सिंह के साथ आत्महत्या कर ली.

रांची. जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के लटमा चौरियाटोली स्थित नागेश्वरी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 106 में रहनेवाली 34 वर्षीय संयुक्ता सिंह ने अपने 12 वर्षीय बेटे आरव सिंह और 10 वर्षीय बेटी आराध्या सिंह के साथ आत्महत्या कर ली. मामले में जगन्नाथपुर थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि करीब एक माह पहले संयुक्ता सिंह अपने दोनों बच्चों के साथ थाना आयी थीं. उन्होंने कहा था कि वह अपने बच्चों को लेकर नेतरहाट घूमने जाना चाहती हैं. संयुक्ता सिंह ने बताया था कि मैंने लातेहार एसपी से बात की है. वे आधा रास्ते तक मेरी गाड़ी को स्कॉट सुविधा देंगे. आप (जगन्नाथपुर थाना प्रभारी) रांची से आधी दूरी के लिए स्कॉट सुविधा मुहैया करा दीजिए. इस पर थाना प्रभारी ने पूछा था कि आपको स्कॉट क्यों चाहिए. तब वह बोली थीं कि उन्हें अनजाना डर सता रहा है. उन्हें लगता है कि पति उनके साथ कुछ कर देंगे. तब थाना प्रभारी ने संयुक्ता से कहा था कि हम उतनी दूर तक आपकी गाड़ी को स्कॉट की सुविधा नहीं दे सकते हैं. आप अपनी परेशानी लिखित में दीजिए. उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. लेकिन संयुक्ता ने उन्हें लिखित नहीं दिया और बच्चों को लेकर वापस चली गयी थीं.

टेंडर हार्ट स्कूल में पढ़ते थे बच्चे, कुछ माह से नहीं जा रहे थे स्कूल

फ्लैट के कुछ लोगों ने बताया कि संयुक्ता के दोनों बच्चे आरव और आराध्या टेंडर हार्ट स्कूल तुपुदाना में पढ़ते थे. लेकिन पैसे की कमी के कारण वह बच्चों को कुछ माह से स्कूल नहीं भेज रही थीं. संयुक्ता आर्थिक तंगी से गुजर रही थीं. आत्महत्या के पीछे इस वजह पर भी पुलिस जांच कर रही है. हालांकि रांची में रहनेवाले संयुक्ता के मामा बैजनाथ सिंह ने प्राथमिकी में कहा है कि उसका पति से विवाद चल रहा था. वहीं संयुक्ता मानसिक रूप से बीमार भी थीं. आत्महत्या की दूसरी वजह यह भी हो सकती है.

बच्चों को पिता से बात करने से मना करती थी

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि ब्रजेश जब भी बच्चों से बात करने के लिए संयुक्ता के मोबाइल पर फोन करता था, तो वह बच्चों को बात करने नहीं देती थीं. वह बच्चों से कहती थीं कि पिता कुछ भी खाने को दें, तो वे लोग नहीं खायें. कहीं खाना में जहर मिलाकर खिला देंगे.

फ्लैट से दुर्गंध आ रही थी, लेकिन किसी ने पुलिस को नहीं दी सूचना

जगन्नाथपुर पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आयी कि फ्लैट से दुर्गंध आ रही थी. लेकिन फ्लैट में रहनेवाले किसी शख्स ने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी. मंगलवार को सीसीटीवी में संयुक्ता और उसके दोनों बच्चों की फ्लैट से निकलने की फुटेज कैद हुई थी. इसके बाद किसी आस-पड़ोस वाले ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि तीनों कहां हैं और कैसे हैं.

घटना के बाद ब्रजेश ने साध ली चुप्पी

घटना के बाद जगन्नाथपुर थाना पहुंचे ब्रजेश सिंह से बात करने की कोशिश की गयी. लेकिन वह कुछ भी नहीं बोल पा रहे थे. बच्चों और पत्नी की बात से वह सदमे में थे. उनके बड़े भाई ने बताया कि ब्रजेश तीन सालों से पत्नी और बच्चों से अलग औरंगाबाद में रह रहा था. पहले ब्रजेश रांची में ही जॉब करता था, जबकि पत्नी संयुक्ता और दोनों बच्चे रांची के फ्लैट में रह रहे थे. एक बार संयुक्ता और बच्चों को औरंगाबाद स्थित घर ले जाया गया था. लेकिन वह अटपटा हरकत करती थीं. किसी-किसी के घर चली जाती थीं. लेकिन थोड़े दिन बाद ही वह वहां से रांची वापस चली गयी थीं.

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