24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रांची में जेपीएससी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, कहा सिविल सेवा पीटी रद्द करने के हैं काफी सबूत

अभ्यर्थियों ने कहा कि जेपीएससी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से तत्काल मामले में संज्ञान लेने व परीक्षा रद्द करने की मांग करते हैं.

रांची : जेपीएससी सिविल सेवा पीटी रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार को बापू वाटिका के समक्ष अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. मनोज यादव व उमेश प्रसाद ने कहा कि पीटी रद्द करने के कई सबूत हाथ लगे हैं. परीक्षा हॉल में अभ्यर्थियों के बीच जो प्रश्न पत्र बांटे गये, उसके सील पहले से टूटे हुए थे. वहीं, कई जगहों पर प्रश्न पत्र देर से बंटे.प्रश्न पत्र बुकलेट तथा आंसर शीट में भिन्नता से भी अभ्यर्थी परेशान रहे. जबकि बी सीरीज प्रश्न पत्र में कई गड़बड़ी सामने आयी है. 27 से ज्यादा प्रश्न पत्र रिपीट कर दिये गये हैं. वहीं कई प्रश्न संख्या हैं, लेकिन प्रश्न ही नहीं छपे हैं. वहीं, बी सीरीज में डी सीरीज का भी प्रश्न पत्र अटैच कर दिया गया. ऐसे में ओएमआर शीट का मूल्यांकन कैसे किया जायेगा. इससे रिजल्ट गड़बड़ा जायेगा. दोनों ने कहा कि जेपीएससी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से तत्काल मामले में संज्ञान लेने व परीक्षा रद्द करने की मांग की गयी है. श्री यादव ने कहा कि आयोग को 28 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके बाद भी न्याय नहीं मिला, तो अभ्यर्थी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों पर मामला दर्ज कराना गलत है. इसे वापस लेना चाहिए. 

अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के मामले में लार्जर बेंच में हुई सुनवाई

झारखंड हाइकोर्ट की लार्जर बेंच ने प्रतियोगिता परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र को विभिन्न कारणों से रद्द करने के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस राजेश शंकर की तीन सदस्यीय पीठ ने इस दाैरान प्रार्थियों व प्रतिवादियों का पक्ष सुना. इसके बाद विस्तृत सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन, अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया, अधिवक्ता श्रेष्ठ गाैतम व अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बताया कि प्रार्थियों ने कट ऑफ मार्क्स से अधिक अंक प्राप्त किया है, बावजूद उनके जाति प्रमाण पत्र के कारण उनकी नियुक्ति नहीं की गयी. खंडपीठ ने तीन इश्यू निर्धारित करते हुए मामले को लॉर्जर बेंच में रेफर किया है. वहीं झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल, अधिवक्ता प्रिंस कुमार, अधिवक्ता राकेश रंजन तथा राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता वंदना सिंह ने पक्ष रखा.उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ नूतन इंदुवार व अन्य की ओर से 43 याचिकाएं दायर की गयी है. इसमें डेंटल चिकित्सक, हाइस्कूल शिक्षक, स्नातकोत्तर शिक्षक, दारोगा बहाली, सातवीं से 10वीं संयुक्त सिविल प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थी शामिल हैं. याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी और जेएसएससी ने विभिन्न विज्ञापनों में उनके जाति प्रमाण पत्र को कंसीडर नहीं किया है. वे जिस श्रेणी से आते हैं, अगर उसे कंसीडर किया जाता, तो उनकी नियुक्ति हो जाती, लेकिन आयोग ने जाति प्रमाण पत्र के आधार पर उनका चयन रद्द कर दिया.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel