रांची. दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र, मोरहाबादी में पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार अधिनियम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि कृषि निदेशक डॉ कुमार ताराचंद ने कहा कि राज्य की 80 फीसदी भूमि पर कृषि या वन है. इसमें खाद्यान्न, सब्जी, फल-फूल आदि लगे हैं. पशु-पक्षी के साथ-साथ पौधों को भी स्वस्थ रखने की जरूरत है. इससे आय भी बढ़ेगी. निदेशक ने कहा कि किसानी में 50 फीसदी महिलाओं का योगदान है. झारखंड में शुरू में 22 लाख एमटी अनाज का उत्पादन होता था, यह 78 लाख एमटी के आसपास हो गया है. आश्रम के सचिव स्वामी भवेशानंद जी महाराज ने कहा कि अब लोग देसी किस्मों को बढ़ावा दे रहे हैं. देसी किस्म में न्यूट्रिशन भी अधिक होता है. कार्यक्रम में 312 किसानों ने हिस्सा लिया. वहीं 250 किसानों के लाये हुए बीज का निबंधन हुआ. मौके पर डॉ एचसी सिंह, डॉ एसवी समदर्शी, स्वामी अंतरानंद जी, डॉ राघव ठाकुर, डॉ अजीत कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार, डॉ भरत महतो, डॉ विशाखा सिंह, ओपी शर्मा, प्रफुल्ल, मनीमाला आदि मौजूद थे.
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