Kartik Oraon Siramtoli Flyover : झारखंड वासियों को कल गुरुवार को एक और नयी फ्लाइओवर की सौगात मिली. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल 6 जून को सिरमटोली चौक-राजेंद्र चौक-मेकन फ्लाइओवर का उद्घाटन किया. इस नवनिर्मित फ्लाइओवर का नामकरण कार्तिक उरांव के नाम पर होगा. ऐसे में अब लोग कार्तिक उरांव के बारे में जानने को काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं. कार्तिक उरांव आदिवासी समुदाय के अधिकार और आत्म सम्मान के लिए संघर्ष करनेवाले अग्रणी नेता के रूप में जाने जाते हैं.
एचइसी की नौकरी छोड़ राजनीति में रखा था कदम
कार्तिक उरांव का जन्म 29 अक्तूबर 1924 को झारखंड के गुमला जिले के करौदा लिटाटोली गांव में हुआ था. विदेश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर लौटे कार्तिक बाबू तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर एचइसी की नौकरी छोड़ राजनीति में आये थे. मालूम हो वह एक कुशल इंजीनियर और तब एशिया के सबसे बड़े कारखाना एचइसी के शिल्पकार थे.
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3 बार सांसद और एक बार बनें विधायक
कार्तिक बाबू आदिवासियों की जमीन बचाने और उनके अस्मिता की रक्षा के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करते रहे. वे लोहरदगा लोकसभा सीट से 3 बार सांसद बने. इतना ही नहीं वह एक बार बिहार विधानसभा में विशुनपुर से विधायक भी चुने गये. वह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काफी करीबी और विश्वस्त सलाहकार माने जाते थे. कार्तिक बाबू की पत्नी स्व सुमति उरांव भी सांसद और केंद्र में मंत्री बनीं. इनकी बेटी गीता श्री उरांव झारखंड में शिक्षा मंत्री रह चुकी है.
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