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Memorial ceremony news : जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए : सुधांशु त्रिवेदी

राज्य के जाने-माने कारोबारी रहे स्व प्रेम कुमार पोद्दार की स्मृति में रविवार को सीसीएल के कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्यसभा सदस्य प्रो सुधांशु त्रिवेदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया.

रांची. राज्य के जाने-माने कारोबारी रहे स्व प्रेम कुमार पोद्दार की स्मृति में रविवार को सीसीएल के कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्यसभा सदस्य प्रो सुधांशु त्रिवेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए. कम समय के लिए जलनेवाला पूजा की लौ ही प्रभावी होती है. लंबे समय तक जलनेवाला भूसे का ढेर प्रभावी नहीं होता है. हमारे देश में सारे धनिक सेठ कहे जाते हैं. सेठ पैसा से नहीं, श्रेष्ठ शब्द से आया है. श्रेष्ठ वही होते थे, जो कमाई का हिस्सा मंदिर, धर्मशाला, समाजसेवा में लगाते थे. भारत ही ऐसा देश है, जहां आज भी मंदिरों में मुफ्त भोजन मिलता है. भारत की यही परंपरा इसे महान बनाती है.

कोशिश हो रही है हमारी परंपरा को कमजोर करने की

श्री त्रिवेदी ने कहा कि हमारी व्यवस्था और मूल्यों पर भी अब पश्चिमी सभ्यता हावी हो रही है. बच्चे शिव लिंग पर दूध चढ़ाने का लॉजिक ढूंढ़ेगे, लेकिन फटी हुई जींस के लॉजिक पर बात नहीं करेंगे. ऐसा बाजार की ताकत के कारण हो रहा है. यह हमारी पारिवारिक व्यवस्था और मूल्यों को तोड़ने की सुनियोजित साजिश है. श्री त्रिवेदी ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करते हैं. जिस भारत को अनपढ़ कहा जाता था, वह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट वाला देश बन गया है. हमारे बच्चे विदेशों में कमाई की कुछ हिस्सा बचत करते हैं, जबकि विदेशी और कर्ज लेकर खर्च करते हैं.

टूट रही है पारिवारिक व्यवस्था

रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने कहा कि आज हमारे समाज की पारिवारिक व्यवस्था टूट रही है. वृद्धाश्रम खोले जा रहे हैं. परिवार टूटेगा, तो देश को टूटने से कोई नहीं बचा सकता है. श्री सेठ ने कहा कि प्रेम जी के परिवार से 40-45 साल का संबंध रहा है. साथ में कई सामाजिक कार्य में साथ रहे. उनके साथ काम करने से हमेशा मोटिवेशन मिला.

बीमारी के बावजूद उत्साह और साहस से जिंदगी जिया

राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि प्रेम जी(प्रेम कुमार पोद्दार) को जब अपनी बीमारी का पता चला, तो भी उन्होंने उत्साह और साहस के साथ जिंदगी जीया. उनकी सहजता और सरलता ने हमेशा लोगों को प्रेरित किया. आज पश्चिमी प्रभाव में परिवार के मूल्य और संस्कार खो रहे हैं. ऐसे में उन्होंने पारिवारिक मूल्यों को बनाये रखा.

काफी कुछ सीखने का मौका मिला

अतिथियों का स्वागत करते हुए पूर्व सांसद महेश कुमार पोद्दार ने कहा- प्रेम कुमार पोद्दार हमारे परिवार के सदस्य ही नहीं, मार्गदर्शक भी थे. संयुक्त परिवार में रहते हुए उनसे काफी कुछ सीखने का मौका मिला. धन्यवाद ज्ञापन स्व प्रेम कुमार पोद्दार के पुत्र पुनीत कुमार पोद्दार ने किया. गणमान्य अतिथियों का परिचय उनके परिवार से सदस्य अवध पोद्दार, एलिना पोद्दार, वसुधा पोद्दार व आइआइसीएम के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो सुदीप घोष ने किया. इस मौके पर स्व पोद्दार की पत्नी पुष्पा पोद्दार, अंजना पोद्दार, वेदांत मित्तल, सांसद मनीष जायसवाल, विधायक सरयू राय, रामेश्वर उरांव, नवीन जायसवाल, पूर्व आइएएस डीके तिवारी, अरुण कुमार सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद थे.

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