पिपरवार. सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, पुरानी राय में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया. प्रधानाचार्य गणेश महतो ने दीप प्रज्ज्वलित कर व महर्षि वेदव्यास के पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर सभी शिक्षक भैया-बहनों ने भी गुरु की पूजा की. प्रधानाचार्य ने कहा कि गुरु तत्व है, गुरु ज्ञान है, गुरु ज्योतिपुंज है. वरिष्ठ शिक्षक ओंकार तिवारी ने कहा गुरु-शिष्य का संबंध अटूट व अतुलनीय होता है. बच्चों ने भी महर्षि वेदव्यास की जीवनी पर आधार गीत प्रेरक प्रसंग, कविता आदि प्रस्तुत किया. भैया बिट्टू ने महर्षि वेदव्यास की झांकी प्रस्तुत की. जानकारी के अनुसार महर्षि वेद व्यास की जयंती गुरु पूर्णिमा के रूप में मनायी जाती है. वेदव्यास को गुरुओं के गुरु होने का सम्मान प्राप्त है. भारतवर्ष में पहले गुरुकुल व्यवस्था थी. राजा हो या रंक सभी गुरुकुल में जा कर शिक्षा प्राप्त करते थे. वर्ष भर शिक्षा ग्रहण करने के बाद आज के दिन शिष्य गुरु को दक्षिणा भेंट कर अपने गांव लौट जाते थे. वर्षा ऋतु तक शिष्य अपने घरों पर रह कर अपने माता-पिता की कृषि कार्य में मदद करते थे. इधर, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, पिपरवार में भी गुरु पूर्णिमा मनाया गया. विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. मौके पर काफी संख्या में भैया-बहन उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है