24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Ranchi news : भूमि सर्वे से कई समस्याएं आ रहीं सामने, कोर्ट में बढ़ रहे मामले

प्रभात खबर की लीगल काउंसेलिंग में झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता ऋषि पल्लव ने दी कानूनी सलाह.

रांची.

झारखंड के लोहरदगा, गुमला, लातेहार और पलामू जिलों में भूमि सर्वे के बाद नये खतियान (भूमि रिकॉर्ड) बनाये गये हैं. हालांकि, इस सर्वे के बाद कई समस्याएं सामने आ रही हैं. कुछ लोगों की जमीन बिना उनकी जानकारी के किसी और के नाम पर दर्ज हो गयी है. इस तरह के विवादों से कानूनी जटिलताएं बढ़ रही हैं. झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता ऋषि पल्लव के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की जमीन गलती से दूसरे के नाम पर दर्ज हो गयी है, तो या तो वह व्यक्ति जमीन आपके नाम से रजिस्ट्री कर दे, नहीं तो सुधार के लिए सिविल कोर्ट में सभी दस्तावेज के साथ टाइटल सूट दायर करना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि एक बार जब सर्वे का फाइनल प्रकाशन हो जाता है, तो सीओ, एसडीओ या उपायुक्त जैसे अधिकारियों के पास सुधार का अधिकार नहीं होता. इसके बाद केवल न्यायालय ही इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है. अधिवक्ता ऋषि पल्लव शनिवार को प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में लोगों के सवालों पर कानूनी सलाह दे रहे थे.

चतरा के अजय कुमार गुप्ता का सवाल :

वह वर्ष 2008 से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में कार्य कर रहे थे. 17 साल के बाद हटा दिया गया. उसे हाइकोर्ट में चुनाैती दी गयी है, जिसमें स्टे मिला है. समय अधिक हो गया है. क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

देखिए, इस मामले में आपको हाइकोर्ट से राहत मिली हुई है. आप अपने अधिवक्ता के माध्यम से जल्द सुनवाई के लिए कोर्ट से आग्रह कर सकते हैं.

जामताड़ा के ललित पंडित के सवाल :

एसडीओ कार्यालय से जमीन से संबंधित 145 के केस के नकल की जरूरत थी, लेकिन कार्यालय या अभिलेखागार नकल नहीं दे रहा है. उपायुक्त से भी लिखित आग्रह किया. सूचनाधिकार में आवेदन दिया, लेकिन नकल नहीं मिल रहा है. अब क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

दस्तावेज का नकल लिया जा सकता है. नकल देना कार्यालय की जिम्मेवारी है. इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया है. यदि आप प्रक्रिया का पालन कर चुके हैं तथा संबंधित पदाधिकारियों को भी लिखित आवेदन दिये हैं. फिर भी समाधान नहीं हुआ, तो आप हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर कर सकते हैं.

रांची के संजय कुमार का सवाल :

जल संसाधन विभाग में उन्हें एक साल से पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया था. उस दौरान वह लोन का किस्त नहीं दे पाये. क्या मुआवजा मिल सकता है.

अधिवक्ता की सलाह :

देखिए, आप सरकारी नौकरी में हैं. सरकार ने आपका पदस्थापन नहीं किया, पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा. आपका प्रतिमाह जो वेतन बनता है, वही आपको मिलेगा. कोई मुआवजा या क्षतिपूर्ति लेने का प्रावधान नहीं है.

तमाड़ के चैता मांझी का सवाल :

उनके घर में बिजली विभाग ने बिजली का कनेक्शन दिया है, स्मार्ट मीटर भी लगा दिया गया है, लेकिन पोल से बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है. क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

आप बिजली विभाग के संबंधित एसडीओ, कार्यपालक अभियंता को लिखित आवेदन देकर बिजली कनेक्शन जोड़ने का आग्रह करें.

चतरा के सुबोध कुमार दांगी के सवाल :

1953 में जमीन खरीदी गयी थी. दखल-कब्जा व म्यूटेशन भी है तथा लगान भी दे रहे हैं. अब एक व्यक्ति 1939 का कागज दिखा कर जमीन पर दावा कर रहा है.

अधिवक्ता की सलाह :

जमीन पर आपका दखल-कब्जा है तथा लगान भी दे रहे हैं. जरूरत पड़े, तो आप सारे दस्तावेज के साथ अंचलाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं.

रामगढ़ के शाह मोहम्मद का सवाल

: पैतृक संपत्ति पर भाई ने कब्जा कर रखा है. उसका हिस्सा नहीं दे रहा है. क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह

: पैतृक संपत्ति पर सभी वारिस का हिस्सा होता है. यदि बंटवारा नहीं हुआ है, तो आप भाई को नोटिस देकर अपना हिस्सा मांगें. यदि वह नहीं देता है, तो सिविल कोर्ट में बंटवारा वाद दायर कर सकते हैं.

इन्होंने भी पूछे सवाल :

ठाकुरगांव के वीरेंद्र साहू, पलामू से शमीम, साहिबगंज से संतोष सरकार, गढ़वा से सत्येंद्र प्रसाद यादव, लोहरदगा से चंद्रशेखर साहू आदि ने भी सवाल पूछे. सबसे ज्यादा भूमि विवाद से संबंधित सवाल पूछे गये. इस दौरान अधिवक्ता ने लोगों को अनावश्यक मुकदमे से बचने की भी सलाह दी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel