रांची. राज्य के सभी सरकारी सेवकों को मिशन कर्मयोगी के माध्यम से साल में कम से कम छह ट्रेनिंग लेनी होगी. यह ट्रेनिंग विभिन्न विषयों की होगी. कर्मियों को इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आइजीओटी) पोर्टल के माध्यम से ट्रेनिंग प्राप्त करनी है. इसके लिए झारखंड सरकार ने क्षमता विकास आयोग नयी दिल्ली व कर्मयोगी भारत, नयी दिल्ली के साथ एमओयू किया है. इस तरह अब पंचायत से लेकर राज्य मुख्यालय के कर्मियों को भी इसके माध्यम से ट्रेनिंग लेनी है. ट्रेनिंग का मॉड्यूल भी तैयार है. जो कर्मी ट्रेनिंग लेंगे, उनके एसीआर में यह दर्ज होगा.कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव ने इस बाबत सभी विभागों के साथ ही विभागाध्यक्षों, आयुक्तों व उपायुक्तों को पत्र लिखा है.
क्यों ट्रेनिंग की जरूरत महसूस की गयी
पत्र के माध्यम से कर्मियों को बताया गया है कि क्षमता विकास न केवल व्यक्तिगत कौशल व दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि यह संस्थागत विकास, कार्य कुशलता व प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए भी आवश्यक है. नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए कर्मियों को समय-समय पर नयी तकनीकों, विधियों व प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण आवश्यक है. साथ ही डिजिटल इंडिया व इ-गवर्नेंस आदि कार्यक्रमों के लिए तकनीकी दक्षता भी अनिवार्य हो गयी है. सचिव ने लिखा है कि पंचायतों व स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मियों की क्षमता को बढ़ा कर ग्रामीण व शहरी विकास की गति को बढ़ाया जा सकता है. प्रशिक्षण से पदाधिकारियों व कर्मचारियों में नेतृत्व की क्षमता, टीम वर्क की भावना, संवाद कौशल व कार्य के प्रति उतरदायित्व की भावना बढती है. राज्यकर्मी उन्हीं विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिससे उनका व्यक्तिगत अपग्रेडेशन हो और नागरिकों को सेवा प्रदान करने में सहायता मिल सके.
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