रांची. विधानसभा का मॉनसून सत्र एक अगस्त से आहूत है. सात अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में पांच कार्य दिवस हैं. मॉनसून सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है. पक्ष-विपक्ष में कई मुद्दों को लेकर तकरार संभव है. विपक्ष राज्य में लॉ एंड आर्डर और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा. राजधानी सहित राज्य के अलग-अलग इलाके में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगा जायेगा. वहीं विपक्ष रोजगार के मुद्दे को लेकर सदन में सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा. सीजीएल सहित दूसरे परीक्षाओं में हो रही देरी और अनियमितता के सवाल सदन में लाये जायेंगे. राज्य सरकार की फ्लैगशिप मंईयां सम्मान योजना की खामियां विपक्ष गिनायेगा. सरकार को इस योजना का क्रेडिट लेने से रोकने की कोशिश होगी. वहीं विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर चल रहे विवाद का मामला झारखंड विधानसभा में भी गरमा सकता है. सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरेगा. वहीं जातीय जनगणना और सरना धर्म कोड को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति है. सरकार के मंत्रियों को अपने-अपने विभाग की उपलब्धियों के साथ पहुंचने का कहा गया है. मंत्रियों को तथ्य परक जवाब देने की तैयारी करने को कहा गया है.
31 को सर्वदलीय व सत्ता पक्ष की बैठक, एक को बैठेगा विपक्ष
मॉनसून सत्र की तैयारी को लेकर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने 31 जुलाई को पक्ष-विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलायी है. विधायक दलों के नेताओं के साथ बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में स्पीकर सत्र के सुचारू संचालन के लिए पक्ष-विपक्ष के सदस्यों से सहयोग मांगेगें. इसी दिन तीन बजे से कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. वहीं पांच बजे एटीआइ में सत्ता पक्ष के झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. सदन में विपक्ष के खिलाफ रणनीति बनायी जायेगी. एक अगस्त को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी.
वोट का अधिकार छीन रही है केंद्र सरकार : प्रदीप
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि विधानसभा में केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को गठबंधन के साथी उठायेंगे. एसआइआर का मामला केवल बिहार का नहीं है. यह पूरे देश का मामला है, आने वाले दिनों में झारखंड भी प्रभावित होगा. केंद्र सरकार वोट के अधिकार में डाका डाल रही है. इस जनविरोधी नीति के खिलाफ पूरा गठबंधन खड़ा है. केंद्र सरकार ने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा तोड़ने के मुद्दे पर भी चुप्पी साध रखी है. पिछड़ों के अधिकार को कुचला जा रहा है. सरना धर्म कोड को अबतक जातीय जनगणना में शामिल नहीं किया गया है. इसे शामिल कराने के लिए एक बार फिर प्रस्ताव केंद्र को भेजने पर विचार होगा. पूरा गठबंधन सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है.
हर मोर्चे पर विफल है हेमंत सरकार विफल : नवीन
विपक्षी भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी नहीं है. हर मोर्चे पर सरकार विफल है. राज्य में विधि व्यवस्था नाम की चीज नहीं है. राजधानी भी सुरक्षित नहीं है. हर दिन चोरी, हत्या और महिलाओं के साथ उत्पीड़न की घटना हो रही है. पुलिस का पूरा तंत्र विफल है. इस सरकार ने युवाओं को धोखा दिया है. रोजगार देने के नाम पर सरकार बनायी, लेकिन एक भी परीक्षा सही तरीके से नहीं करा पा रहे हैं. हर परीक्षा विवाद में घिर रही है. राज्य के युवा हताश और निराश हैं. सरकार को जवाब देना होगा. मंईयां सम्मान योजना में भी महिलाओं के साथ धोखा हुआ. चुनाव के बाद लाखों महिलाओं को इस योजना से अलग किया गया. नये नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं. जनहित के मुद्दे पर हम सरकार से जवाब मांगेंगे.
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