Naxalism in Jharkhand: नक्सलवाद से प्रभावित देश के सर्वाधिक प्रभावित और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में झारखंड के जिले भी शामिल हैं. नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित और और उग्रवाद प्रभावित जिलों में झारखंड का एक-एक जिला है. पश्चिमी सिंहभूम जिला को नक्सलवाद से प्रभावित देश के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल किया गया है, तो लातेहार जिला को उग्रवाद प्रभावित अन्य जिलों में शामिल किया गया है.
सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला है पश्चिमी सिंहभूम
केंद्र सरकार ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की संख्या 12 थी. नक्सलवाद उन्मूलन अभियान के बाद इन जिलों की संख्या घटकर 6 रह गयी है. इन जिलों में झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) शामिल है. इतना ही नहीं, उग्रवाद से प्रभावित अन्य जिलों की संख्या में भी भारी कमी आयी है. देश में ऐसे जिलों की संख्या पहले 17 थी, जो अब घटकर 6 रह गयी है. ऐसे जिलों में झारखंड के लातेहार को रखा गया है.

देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 6 जिले
- बीजापुर (छत्तीसगढ़)
- कांकेर (छत्तीसगढ़)
- नारायणपुर (छत्तीसगढ़)
- सुकमा (छत्तीसगढ़)
- पश्चिमी सिंहभूम (झारखंड)
- गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)
नक्सलवाद से प्रभावित देश के 6 जिले
- दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)
- गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
- मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (छत्तीसगढ़)
- लातेहार (झारखंड)
- नुआपाड़ा (ओडिशा)
- मुलुगु (तेलंगाना)
6 जिले अब भी हैं ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न’
- अल्लूरी सीताराम राजू (आंध्र प्रदेश)
- बालाघाट (मध्यप्रदेश)
- कालाहांडी (ओडिशा)
- कंधमाल (ओडिशा)
- मलकानगिरी (ओडिशा)
- भद्राद्रि-कोठागुडेम (तेलंगाना)
‘सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत’ का निर्माण कर रही मोदी सरकार – अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या में इतनी बड़ी गिरावट नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार नक्सलवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति (निर्मम दृष्टिकोण) अपनाकर और सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है. सरकार ‘सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत’ का निर्माण कर रही है.
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31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करेंगे – गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत सरकार नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिले वे हैं, जहां नक्सली गतिविधियां एवं हिंसा अब भी जारी हैं.

इन जिलों को रखा गया है सबसे अधिक प्रभावित जिले में
एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों को ‘सबसे अधिक प्रभावित जिले’ के रूप में उप-वर्गीकृत किया गया है. यह वर्ष 2015 में लायी गयी शब्दावली है. इसके अलावा एक उप-वर्ग ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न’ (ऐसे जिले हैं जहां चिंता) है. यह उप-श्रेणी वर्ष 2021 में बनायी गयी थी. पिछली समीक्षा के अनुसार, ‘सर्वाधिक प्रभावित जिले’ 12 थे.

देश के 38 जिले थे नक्सलवाद से प्रभावित
- ‘सबसे अधिक प्रभावित जिलों’ की संख्या 12 से घटकर 6 हुई
- ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न’ जिलों की संख्या 9 से घटकर 6 रह गयी
- वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित अन्य जिलों की संख्या 17 से घटकर 6 हुई
‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न’ को विशेष केंद्रीय सहायता
सर्वाधित प्रभावित जिलों एवं ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न’ जिलों को भारत सरकार की एक विशेष योजना ‘विशेष केंद्रीय सहायता’ के तहत सार्वजनिक बुनियादी ढांचों में व्याप्त अंतर को भरने के लिए क्रमशः 30 करोड़ और 10 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है. इसके अलावा इन जिलों के लिए आवश्यकतानुसार विशेष परियोजनाओं का भी प्रावधान है.

नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे हैं सरकार के ये काम
एक साल में वामपंथ उग्रवाद परिदृश्य में तेजी से सुधार हुआ है. इसकी मुख्य वजह उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में नये सुरक्षा शिविरों की स्थापना और विकास के काम शुरू करना है. इन इलाकों में सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली एवं सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं तक ग्रामीणों की पहुंच बढ़ाने जैसे काम शामिल हैं.
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