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नक्सलियों की तलाश में सारंडा के जंगल में एनआईए की 35 सदस्यीय टीम, बोकारो में मिली बड़ी सफलता

NIA Raids in Jharkhand: झारखंड के नक्सलियों के खिलाफ एनआईए एक्शन में है. एक ही दिन में सारंडा के जंगलों में और बोकारो के चतरोचट्टी में कई टीमें दाखिल हुई. घंटों छापेमारी की. बोकारो में उसे बड़ी सफलता मिली है. सारंडा में क्या हुआ, यह भी जानें.

NIA Raids in Jharkhand: नक्सलियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली राष्ट्रीय एजेंसी एनआईए ने झारखंड में कई जगह छापेमारी की है. नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ सारंडा में भी एनआईए की टीम दाखिल हुई. बोकारो में उसे बड़ी सफलता हाथ लगी. 35 सदस्यीय टीम ने सारंडा के जंगलों में नक्सलियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की. पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल को नक्सलियों ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा है. नक्सलियों ने जंगल में जहां-तहां लैंडमाइंस बिछा रखे हैं, ताकि अगर सुरक्षा बल के जवान उन्हें पकड़ने के लिए आएं, तो उन्हें विस्फोट के जरिए नुकसान पहुंचाया जा सके. बावजूद इसके एनआईए की टीम ने सारंडा के जंगलों की खाक छानी.

मिसिर बेसरा समेत कई इनामी नक्सलियों के छिपे होने की सूचना थी

नक्सल प्रभावित सारंडा क्षेत्र में एनआईए की टीम ने घंटों छापेमारी की. नक्सलियों और उनके मददगारों की तलाश में एनआईए ने थलकोबाद समेत आसपास के गांवों में छापेमारी की. हालांकि, टीम को कोई सफलता हाथ नहीं लगी. एनआईए को सारंडा क्षेत्र में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा समेत अन्य इनामी नक्सलियों के छिपे होने की सूचना थी.

पश्चिमी सिंहभूम के एसपी बोले- एनआईए ने कई गांवों में की छापेमारी

इसी सूचना के आधार पर एनआईए की 35 सदस्य टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की. इस दौरान आसपास के कई गांवों में भी नक्सलियों के ठिकानों की टोह लेने की कोशिश की, लेकिन एजेंसी को कोई सफलता नहीं मिली. पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आशुतोष शेखर ने सारंडा के जंगलों में एनआईए की टीम की छापेमारी की पुष्टि की है.

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सारंडा में हैं 700 पहाड़ियां, घने जंगलों में बसे हैं गांव

एसपी ने बताया कि जिला पुलिस बल की मदद से एनआईए की टीम ने शनिवार (4 जनवरी) को कई जगह छापेमारी की. बता दें कि 700 पहाड़ियों वाले सारंडा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति काफी कठिन है. यहां पहाड़ हैं, तो घने जंगल भी हैं. इन्हीं घने जंगलों में आदिवासियों के गांव भी बसे हैं. इसे झारखंड का सबसे दुर्गम क्षेत्र माना जाता है.

बोकारो के बच्चा सिंह को एनआईए ने किया गिरफ्तार

शनिवार को ही बोकारो जिले के गोमिया के चतरोचट्टी समेत कई गांवों में भी एनआईए की 8 टीमों ने छापेमारी की थी. यहां से बच्चा सिंह उर्फ बच्चा बाबू सिंह को गिरफ्तार किया गया था. बच्चा सिंह पर भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं से संबंध बताए जा रहे हैं. एनआईए का कहना है कि नक्सली विचारधारा को बढ़ावा देने के साथ-साथ वह झारखंड समेत अन्य जगहों पर नक्सली गतिविधियों के लिए पैसे भी जुटाता था.

बच्चा सिंह की कई बार पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

वर्ष 2012 में भी बच्चा सिंह को गिरफ्तार किया गया था. तब बोकारो थर्मल की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. बाद में मजदूर संगठन समिति में कार्य करने के दौरान भी बच्चा सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. बच्चा सिंह के परिजनों ने कहा है कि 3 जनवरी को एनआईए के बुलावे पर वह रांची गए थे. इसके बाद लौटकर घर नहीं आए. बच्चा सिंह बोकारो जिले के गोविंदपुर (बी) का रहने वाला है. उसे 3 जनवरी को ही एनआईए ने हिरासत में लिया था.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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