रांची.
केंद्र सरकार ने कहा है कि झारखंड में जल-जीवन मिशन योजना के तहत आधी राशि भी खर्च नहीं की गयी है. केंद्र सरकार द्वारा आवंटित राशि को राज्य सरकार खर्च नहीं कर पा रही है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-25 के दौरान झारखंड को 12,982 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. झारखंड सरकार ने अब तक केवल 6,010 करोड़ रुपये (46.30 प्रतिशत) की ही निकासी की है. गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने तारांकित के माध्यम से लोकसभा में झारखंड में जल-जीवन मिशन योजना को लेकर सवाल पूछा था.राज्य के 45 प्रतिशत ग्रामीण अब भी शुद्ध जल से वंचित हैं
श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के जवाब से साफ है कि राज्य के 45 प्रतिशत ग्रामीण अब भी शुद्ध जल से वंचित हैं. पूरे देश में झारखंड नल से जल पहुंचाने में सबसे पीछे है. गिरिडीह, गुमला, लातेहार जैसे वामपंथ प्रभावित जिलों में भी सिर्फ 70 प्रतिशत परिवारों को ही कनेक्शन मिल पाया है. सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता और भारी बजट आवंटन के बावजूद झारखंड सरकार की लापरवाही से गिरिडीह और राज्य के अन्य जिलों में मिशन की प्रगति बेहद धीमी है. जहां आदिवासी और अनुसूचित जाति बहुल आबादी है, वहां आज भी लोग गंदे तालाबों और हैंडपंपों पर निर्भर हैं. यह न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि सामाजिक अन्याय भी है. सांसद श्री चौधरी ने कहा कि जल जीवन मिशन सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की गरिमा से जुड़ा संकल्प है.
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