: स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियाेगिता परीक्षा
वरीय संवाददाता, रांची
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के तहत नियुक्ति को लेकर दायर 252 याचिकाओं पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थियों व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद अदालत ने जेएसएससी के सुझाव को देखते हुए 31 जुलाई से हर मामले में अलग-अलग सुनवाई करने का आदेश पारित किया. मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी. इससे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने अदालत को सुझाव दिया कि इस केस से संबंधित सभी याचिकाओं की अलग-अलग सुनवाई की जाये तथा आदेश पारित किया जाये. महाधिवक्ता ने न्यायिक आयोग बनाने के प्रार्थियों के सुझाव का विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व जेएसएससी के पास दस्तावेज है, जो अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान रखा जायेगा. सुनवाई के दाैरान सरकार की ओर से टेबुलर चार्ट प्रस्तुत किया गया. महाधिवक्ता ने कहा कि यह टेबुलर चार्ट कोर्ट के आदेश के अनुरूप दाखिल किया गया है. वहीं प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अधिवक्ता अमृतांश वत्स, अधिवक्ता चंचल जैन, अधिवक्ता शेखर प्रसाद गुप्ता ने पैरवी की. प्रार्थियों का कहना था कि यह टेबुलर चार्ट अदालत के सात अप्रैल 2025 के आदेश के अनुरूप नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मीना कुमारी व अन्य की ओर से 252 अलग-अलग याचिकाएं दायर की गयी हैं. जेएसएससी ने वर्ष 2016 में हाई स्कूल शिक्षक के 17,572 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की थी. कोर्ट के आदेश के बाद जेएसएससी ने 26 विषयों का स्टेट मेरिट लस्टि जारी किया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है