रांची. डायबिटीज के मरीजों की संख्या एक करोड़ से 20 करोड़ तक पहुंच गयी है. चिंता इस बात की है कि डायबिटीज के मरीजों के बढ़ने की रफ्तार यही रही, तो अगले 10 साल में यह आंकड़ा 40 करोड़ पहुंच जायेगा. ऐसे में अब इस बीमारी से बचाव के उपाय होने चाहिए. इसके लिए लोगों को चलने-फिरने की आदत दोबारा से डालनी होगी. पहले हर काम में हम परिश्रम किया करते थे, लेकिन आजकल हम वाहनों के गुलाम हो गये हैं. अगर हम आधा या पौन घंटा चलना शुरू कर दें, तो पीड़ित मरीजों की संख्या आधी हो जायेगी. अपनी दिनचर्या में योग को भी शामिल करें. यह बातें श्रीनगर से आये इंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ एएच जरगर ने कही. वह शनिवार को नगड़ाटोली स्थित स्वर्णभूमि बैंक्वेट हॉल में आयाेजित रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआइ) के सेमिनार में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि हमारी खाने की आदतें बदल गयी है. दाल-चावल, साग-सब्जी वाली आदत बदल गयी है. पहले हम भूख लगने के बाद खाया करते थे, लेकिन आज थोड़ा-थोड़ा कर ज्यादा भोजन खाने लगे हैं. इसके अलावा खाने से एनर्जी तो एकत्र कर ले रहे हैं, लेकिन उसे खर्च नहीं कर रहे हैं. नतीजा डायबिटीज हो जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह अनियंत्रित डायबिटीज ही हार्ट और किडनी की बीमारी को जन्म दे रहा है. युवाओं को हार्ट अटैक और युवतियों को पीसीओडी और बच्चेदानी की समस्या उत्पन्न कर रहा है. मोटापा और तेल को लेकर जब प्रधानमंत्री को बोलना पड़ रहा है, तो समस्या को समझना होगा. बड़ी आबादी मोटापा की शिकार हो रही है. इससे मोटापा की दवाओं का बाजार भी बढ़ रहा है. टाइप-वन डायबिटीज के अलावा टाइप-टू डायबिटिज ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. इंसुलिन का उपयोग भी सही तरीके से नहीं हो रहा है. इंसुलिन की मात्रा और दवा के उपयोग का तरीका किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से लेना चाहिए.महिलाएं स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नहीं : डॉ पूजा
दिल्ली से आयीं डॉ पूजा रेलिया ने कहा कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह रहती हैं. परिवार का ख्याल रखते-रखते खुद का ख्याल नहीं रखती हैं. यहीं वजह है कि लाइफस्टाइल की बीमारी डायबिटीज से पीड़ित होती हैं. मोटापा कई बीमारी को जन्म देता है, इसलिए महिलाओं को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. दिल्ली से आयी डॉ सीमा ने कहा कि कम वक्त ही निकालें, लेकिन स्वस्थ रहने के लिए शरीर को समय दें. टाइप टू और टाइप वन दोनों डायबिटीज बढ़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है