मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी रांची . झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश का पालन नहीं होने पर नाराजगी जतायी है. अदालत ने उच्च, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग के निदेशक तथा रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को 29 जुलाई को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. माैखिक रूप से कहा कि उस दिन रांची के एसएसपी भी अदालत में मौजूद रहें, ताकि दोनों अधिकारियों को वहीं से जेल भेजा जा सके. हालांकि अदालत ने यह भी कहा है कि 28 जुलाई तक प्रार्थी को राशि सौंप दी जाती है या वितरित कर दी जाती है, तो उच्च, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग के निदेशक तथा रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की उपस्थिति अगली सुनवाई में आवश्यक नहीं है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्रेष्ठ गाैतम ने अदालत को बताया कि पूर्व में अदालत ने अवमानना याचिका को राज्य सरकार के आश्वासन के बाद ड्राॅप कर दिया था. सरकार ने प्रार्थी को 10 दिनों के भीतर राशि भुगतान करने की बात कही थी, लेकिन राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उदय कुमार मांडर कॉलेज में गणित विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं. क्या है मामला : कोर्ट के आदेश के बाद प्रार्थी को पंचम एवं षष्टम वेतनमान नहीं देने से जुड़ा हुआ है. एकल पीठ ने प्रार्थी की याचिका पर सुनवाई के बाद वेतन निर्धारण करते हुए पंचम व षष्टम वेतनमान का लाभ देने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं हुआ. इसके बाद प्रार्थी की ओर से अवमानना याचिका दायर की गयी थी. इसकी सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से प्रार्थी को 10 दिन के भीतर भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था. अदालत ने अप्रैल 2025 में अवमानना याचिका को ड्रॉप कर दिया था. प्रार्थी को छूट दी थी कि अगर आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, तो वह फिर से अदालत में आ सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है