रांची. भाजपा प्रदेश महामंत्री सह सांसद प्रदीप वर्मा ने कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को सही ठहराया है. आम जनता में भी इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है. लेकिन, इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस, राजद व झामुमो इसे तुष्टीकरण के चश्मे से देख रहे हैं. यही कारण है कि वे इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास संवैधानिक संस्थाओं के विरोध से भरा हुआ है. जब इनकी सोच के अनुकूल संस्थाएं कार्य नहीं करतीं, तो ये उनका विरोध करते हैं. आज ये लोग चुनाव आयोग, इडी और सीबीआइ सबके विरोधी बने हैं.
कांग्रेस का लोकतंत्र पर विश्वास नहीं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को न लोकतंत्र में विश्वास है और न संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर. ये परिवारवादी पार्टियां परिवार के कानून से चलती हैं और देश को भी चलाना चाहती हैं. आज झारखंड में शेड्यूल-5 के तहत पेसा कानून लागू करने से कांग्रेस पार्टी भाग रही है. पेसा पर गोल-मटोल जवाब दे रही है. यहां भी तुष्टीकरण का भूत इन पर सवार है. उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित व पिछड़ा विरोध से कांग्रेस का इतिहास भरा हुआ है. दलित को केवल वोट बैंक बनाने वाली कांग्रेस आज किस मुंह से दलित की आवाज बनेगी. पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं देने व मंडल कमीशन रिपोर्ट को वर्षों तक ठंडे बस्ते में डालने वाली कांग्रेस कभी भी पिछड़ों की हितैषी नहीं हो सकती.
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