रांची.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में विदेशी धर्म के दबाव में सरकार पेसा कानून लागू नहीं कर रही है. पेसा कानून लागू हुआ, तो रूढ़िवादी व्यवस्था को मानने वाले लोग ग्राम प्रधान बनेंगे. गांव के विकास का जिम्मा ग्राम समिति के पास होगा. बालू घाट, तालाब, वनोपज जैसे कार्यों का अधिकार ग्रामसभा के पास आ जायेगा. इससे ग्रामसभा को आमदनी भी होगी और बालू, पत्थर आदि की लूट पर भी रोक लगेगी. उन्होंने उक्त बातें गुरु पूर्णिमा के अवसर पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से गुरु हमारे जीवन को प्रभावित करते रहे हैं. माता-पिता, शिक्षक व धर्मगुरु का हमारे जीवन पर व्यापक प्रभाव होता है. इस मौके पर उन्होंने पाहनों को सम्मानित किया.झारखंड का आदिवासी समाज प्रकृति पूजक
उन्होंने कहा कि हमारे यहां पाहन, मानकी-मुंडा व मांझी-परगनेत प्रकृति और संस्कृति के रक्षक हैं. इनका सम्मान कर स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहा हूं. झारखंड के आदिवासी समाज प्रकृति पूजक हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच वर्षों से प्राकृतिक संसाधनों व संस्कृति पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. आज कोयला, बालू व पत्थर की खुलेआम लूट हो रही है. घर बनाने के लिए आदिवासी समाज के लोगों को भी बालू नहीं मिल रहा है. इसी तरह विदेशी धर्म द्वारा हमारी संस्कृति पर भी हमला हो रहा है. राज्य में धड़ल्ले से धर्मांतरण हो रहा है. संताल परगना में घुसपैठियों द्वारा लव जिहाद और भूमि जिहाद किया जा रहा है और झारखंड सरकार चुप बैठी है. मौके पर पाहन कंचन होरो, परनो होरो, सुमनी, अभय, तीतराम उरांव, मेघा उरांव, बलराम सिंह, उमेश यादव आदि मौजूद थे.
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